Arbitrage Funds: आर्बिट्राज फंड्स कम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न देने का बेहतरीन विकल्प हैं। ये फंड्स इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स का मिश्रण होते हैं, जिससे निवेशकों को सुरक्षा मिलती है।
Arbitrage Funds: भारतीय शेयर बाजार में पिछले चार महीनों से भारी बिकवाली देखने को मिल रही है। इस गिरावट के दौर में निवेशकों के बीच घबराहट का माहौल बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी नीतियों में अनिश्चितता के चलते घरेलू बाजार शॉर्ट-टर्म में अस्थिर रह सकता है। हालांकि, इस उतार-चढ़ाव के बीच भी सभी आर्बिट्राज फंड्स (Arbitrage Funds) ने निवेशकों को पॉजिटिव रिटर्न दिया है। आर्बिट्राज फंड्स बाजार के उतार-चढ़ाव को अपने लाभ में बदलने की रणनीति अपनाते हैं। यही कारण है कि जनवरी में इन फंड्स में 4,292 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश (नेट इनफ्लो) दर्ज किया गया, जिससे यह हाइब्रिड कैटेगरी में सबसे आगे रहे। पिछले छह महीनों में इन फंड्स ने औसतन 3.5% रिटर्न दिया है, जबकि एक साल में इनका औसत रिटर्न 8% रहा है।
आर्बिट्राज फंड्स (Arbitrage Funds) उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं जो कम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न चाहते हैं। ये फंड्स इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स का मिश्रण होते हैं, जिसमें कम से कम 65% हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है। चूंकि ये फंड्स इक्विटी कैटेगरी में आते हैं, इसलिए टैक्स ट्रीटमेंट के मामले में भी इन्हें इक्विटी म्यूचुअल फंड के समान लाभ मिलता है।
ये फंड्स (Arbitrage Funds) बाजार में किसी शेयर की कीमत के कैश और फ्यूचर सेगमेंट के बीच के अंतर (स्प्रेड) से लाभ कमाते हैं। जब बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ता है, तो इस अंतर का दायरा भी बढ़ जाता है, जिससे आर्बिट्राज फंड्स को बेहतर रिटर्न मिलता है। हालांकि, बाजार में स्थिरता आने पर इनका लाभ थोड़ा कम हो सकता है।
मान लीजिए किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत कैश मार्केट में 100 रुपये है और फ्यूचर सेगमेंट में 105 रुपये। आर्बिट्राज फंड (Arbitrage Funds) मैनेजर इस शेयर को 100 रुपये में खरीदकर 105 रुपये में फ्यूचर सेगमेंट में बेच देता है। यदि कीमतें स्थिर रहती हैं, तो उसे प्रति शेयर 5 रुपये का लाभ होगा। यदि फ्यूचर सेगमेंट में शेयर की कीमत घटकर 90 रुपये हो जाती है, लेकिन कैश मार्केट में 95 रुपये रहती है, तो उसे फ्यूचर सेगमेंट में 15 रुपये का लाभ और कैश सेगमेंट में 5 रुपये का नुकसान होगा, जिससे कुल 10 रुपये का शुद्ध लाभ मिलेगा।
ग्रोथ ऑप्शन में, एक साल से कम अवधि में रिडेम्पशन करने पर 20% का शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है। वहीं, एक साल से अधिक की होल्डिंग पर 1.25 लाख रुपये से अधिक के कैपिटल गेन पर 12.5% लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
डिविडेंड ऑप्शन में, आर्बिट्राज फंड से मिलने वाला डिविडेंड निवेशकों की कुल आय में जुड़ जाता है, जिस पर उनकी टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है।
आर्बिट्राज फंड्स (Arbitrage Funds) उन निवेशकों के लिए एक आदर्श विकल्प हैं जो कम जोखिम में बाजार की अस्थिरता से लाभ उठाना चाहते हैं। हालांकि, यह जरूरी है कि निवेशक इन फंड्स की रणनीति, जोखिम और संभावित रिटर्न को अच्छी तरह समझें और अपनी निवेश योजनाओं के अनुसार निर्णय लें।
Disclaimer: निवेश निर्णय लेने से पहले कृपया प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें।