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यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में BharatPe, जुटाएगी 80 करोड़ डॉलर

BharatPe: भारत की अग्रणी फिनटेक कंपनी भारतपे (BharatPe) अपनी 49% हिस्सेदारी में से 25% तक हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। आइए जानते है पूरी खबर।

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BharatPe: भारत की अग्रणी फिनटेक कंपनी भारतपे अपनी 49% हिस्सेदारी में से 25% तक हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। यह कदम यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को घटाने के लिए उठाया जा रहा है। कंपनी इस हिस्सेदारी बिक्री से लगभग 80 करोड़ डॉलर (लगभग 6,500 करोड़ रुपये) जुटाने का लक्ष्य रख रही है।

नियामकीय जरूरतों के तहत फैसला (BharatPe)

भारतपे (BharatPe) की मूल कंपनी रेजिलिएंट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के तहत 2029 तक यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 10% तक घटाना आवश्यक है। यही वजह है कि कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए अंतरराष्ट्रीय परामर्श कंपनी रॉथसचाइल्ड एंड कंपनी को नियुक्त किया है।

Unity Bank की स्थापना और प्रगति

यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक की स्थापना नवंबर 2021 में हुई थी। इसका लाइसेंस सेंट्रम फाइनैंशियल सर्विसेज और भारतपे (BharatPe) के सहयोग से प्राप्त हुआ। बैंक ने परिचालन शुरू करने के कुछ महीनों बाद ही पीएमसी बैंक का सफलतापूर्वक अधिग्रहण किया। यूनिटी बैंक की सितंबर 2024 तिमाही के वित्तीय नतीजे बेहद उत्साहजनक रहे। बैंक ने इस तिमाही में 187 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 138 करोड़ रुपए था। बैंक की कुल आय भी 77% की बढ़ोतरी के साथ 640 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

Digital First बैंकिंग मॉडल

यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक एक डिजिटल फर्स्ट बैंक है, जो साझेदारी वाले कारोबारी मॉडल और ओपन आर्किटेक्चर पर आधारित है। यह छोटे व्यवसायों और ग्राहकों को डिजिटल सेवाओं के जरिये बेहतर बैंकिंग अनुभव प्रदान करता है।

BharatPe की विस्तार योजनाएं

2018 में स्थापित भारतपे (BharatPe) ने भुगतान और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसके प्रमुख निवेशकों में टाइगर ग्लोबल, सिकोया कैपिटल (अब पीक 15 पार्टनर्स), ड्रैगनियर इन्वेस्टमेंट ग्रुप, इनसाइट पार्टनर्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं। कंपनी अपने कारोबार के विस्तार और नए उत्पादों की पेशकश के लिए लगातार फंड जुटा रही है।

क्या है आगे की योजना?

भारतपे (BharatPe) का मानना है कि यूनिटी बैंक की हिस्सेदारी घटाने से उसे न केवल नियामकीय जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी, बल्कि इसके जरिये जुटाई गई राशि (BharatPe) से वह अपने अन्य वित्तीय सेवाओं के कारोबार को भी मजबूत कर सकेगी।

Published on:
04 Jan 2025 10:11 am
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