ट्रम्प की टैरिफ नीति से अमेरिका में गरीबी का खतरा मंडरा रहा है! नई रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक लगभग 10 लाख और अमेरिकी गरीबी रेखा से नीचे आ सकते हैं, जिनमें 3.75 लाख बच्चे भी शामिल हैं। यह टैरिफ से महँगे हुए सामानों के कारण निम्न-आय वाले परिवारों पर पड़ने वाले भारी असर का नतीजा है। क्या ट्रम्प की नीति अमेरिकी सपने को बुरे सपने में बदल रही है?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इस बार राष्ट्रपति चुनाव अभियान मुख्य रूप से अमेरिकी सपने को पुनर्जीवित करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और आव्रजन एवं शुल्क नीतियों पर सख्त रुख अपनाने के वादों पर केंद्रित रहा था।
वहीं, ट्रंप के चुनाव जीतते ही अमेरिका में परिणाम बिल्कुल उल्टा दिखने लगा है। ट्रंप ने सत्ता संभालने के बाद भारत, चीन, ब्राजील व अन्य देशों पर भारी टैरिफ लगाना शुरू कर दिया। जिसने वैश्विक बाजार को बड़ा झटका तो दिया ही, साथ ही वहां के निवासियों को भी मुश्किल में डाल दिया।
ट्रंप की टैरिफ नीति से भले ही उनकी सरकार का खजाना भर रहा हो, लेकिन आने वाले दिनों में लगभग 10 लाख और अमेरिकियों के बीच कंगाली छाने का अनुमान है।
एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है। दरअसल, येल स्थित द बजट लैब के हवाले से सीएनएन की रिपोर्ट में बताया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति से साल 2026 तक लगभग 8,75,000 और अमेरिकी नागरिक गरीबी का सामना करने लगेंगे। इनमें 3,75,000 बच्चे भी शामिल हैं।
विश्लेषण में आधिकारिक गरीबी मापक का इस्तेमाल किया गया, जो कर-पूर्व आय के आधार पर गरीबी की गणना करता है। रिपोर्ट मंगलवार को जारी हुई है।
इसमें निम्न-आय वाले परिवारों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे विस्तार से बताया गया है। जो अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा किराने के सामान और कपड़ों जैसी रोजमर्रा की जरूरतों पर खर्च करते हैं।
यह परिवार बाहर से आने वाले सामान भी ज्यादा खरीदते हैं। पहले ये सामान सस्ते थे, लेकिन अब टैरिफ के चलते महंगे हो गए हैं।
जिसका उनकी जेब पर कड़ा असर पड़ेगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अमेरिका में कुल गरीबी दर बिना टैरिफ के 10.4% से बढ़कर 10.7% हो सकती है।
ट्रंप द्वारा हाल ही में लगाए गए टैरिफ लगभग एक सदी में सबसे ज्यादा हैं। इसके बावजूद वह अभी भी और ज्यादा टैरिफ लगाने पर जोर दे रहे हैं।
जिसके चलते आम जनता के बीच स्थिति और बिगड़ रही है। अमेरिका में औसत प्रभावी टैरिफ दर बढ़कर 17.4 प्रतिशत हो गई है, जो 1935 के बाद सबसे ज्यादा है।
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अनुमान के अनुसार, पिछले साल लगभग 3.6 करोड़ अमेरिकी गरीबी में जी रहे थे। गरीबी दर 0.4 प्रतिशत अंक गिरकर 10.6% हो गई, जो वेतन और आय के जीवन-यापन की लागत के अनुरूप रहने के कारण संभव हुआ।
बता दें कि अमेरिका में गरीबी दर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, खासकर जब व्यापक पैमाने पर पूरक गरीबी मापक की बात की जाती है। इस मापक में खाद्य टिकटों, बच्चों की देखभाल और चिकित्सा लागतों जैसे महत्वपूर्ण कारकों को शामिल किया जाता है।
आंकड़ों के अनुसार, गरीबी में रहने वाले अमेरिकियों की संख्या लगभग 6,50,000 तक बढ़ सकती है, जिसमें 1,50,000 बच्चे भी शामिल हैं। इससे गरीबी दर 12% से बढ़कर 12.2% हो जाएगी।