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ESIC से मिलती फैमिली पेंशन व मुफ्त इलाज

कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआइसी) देश के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा से कवर देता है। इसके तहत बीमारी, चोट या विकलांगता की स्थिति में श्रमिकों व उनके परिवारों को वित्तीय सहायता और चिकित्सा की सुविधा दी जाती है। इसे केन्द्रीय श्रम मंत्रालय संचालित करता है।

2 min read
Oct 13, 2024
Employees State Insurance Scheme

कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआइसी) देश के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा से कवर देता है। इसके तहत बीमारी, चोट या विकलांगता की स्थिति में श्रमिकों व उनके परिवारों को वित्तीय सहायता और चिकित्सा की सुविधा दी जाती है। इसे केन्द्रीय श्रम मंत्रालय संचालित करता है।

किसे मिलता लाभ
इसके दायरे में 10 या 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी, जबकि महाराष्ट्र और चंडीगढ़ में 20 या इससे ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी इसके दायरे में आती हैं। इसमें कर्मचारी का रजिस्ट्रेशन नियोक्ता की ओर से किया जाता है।

सैलेरी की लिमिट: 21 हजार या इससे कम आय। दिव्यांगों के लिए न्यूनतम 25 हजार रुपए महीना, अधिकतम सीमा नहीं है।

कौन देता है योगदान: तीन वर्षों के लिए अंशदान केंद्र सरकार करती है। कर्मचारी 1.75, नियोक्ता का 4.75 फीसदी होता है।

क्या मिलते हैं फायदे

चिकित्सा लाभ: बीमित व्यक्तिव आश्रित पारिवार के सदस्यों को रोजगार में आने के दिन से चिकित्सा लाभ मिलता है। इसे उपलब्ध कराने का दायित्व राज्य सरकार का होता है।

आश्रितजन लाभ: यदि किसी बीमित व्यक्ति की रोजगार के दौरान मौत हो जाती है, तो ईएसआइसी उसके आश्रितों को नियत अनुपात में मासिक पेंशन का भुगतान करती है। पेंशन बीमित व्यक्ति की पत्नी, बच्चों और माता-पिता को दिया जाता है।
मातृत्व लाभ: प्रेग्नेंसी के 12 सप्ताह तक, गर्भपात के मामले में 26 सप्ताह तक दैनिक वेतन का 100 फीसदी नकद, गर्भधारण, प्रसूति, समय पूर्व जन्म के कारण होने वाली बीमारी में 30 दिन से ज्यादा का भुगतान किया जाता है।

बीमारी लाभ: बीमारी के दौरान अधिकतम 91 दिनों के लिए, भत्ते का70 फीसदी की दर से भुगतान 7 दिन के भीतर किया
जाता है।

अपंगता हितलाभ: अस्थायी अपंगता हितलाभ तब मिलता है, जब कर्मचारी रोजगार के दौरान घायल हो जाता है और काम करने में असमर्थ होता है। इसमें 90त्न की दर से तब तक अदा किया जाता है जब तक अपंगता रहती है।

ये लाभ भी मिलते हैं

चोट लगने के कारण स्थाई रूप से डिसेबल होने पर 24 माह तक नकद मासिक भत्ता मिलता है।
रिटायरमेंट या स्थायी अपंगता के कारण नौकरी छोडऩे वालों को या पत्नी को 120 रुपए सालाना का चिकित्सा लाभ मिलता है।
गर्भवती बीमित महिला या बीमित व्यक्ति की पत्नी को जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने पर दूसरे अस्पतालों में उपचार के लिए नकद राशि दी जाती है।
मृत्यु होने की स्थिति में उसकी अंत्येष्टि के लिए मूल व्यय या अधिकतम 10 हजार रुपए का भुगतान होता है।

Published on:
13 Oct 2024 04:23 pm
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