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10 हजार की SIP से 50 लाख भी बनते हैं और 9 करोड़ भी! बस ये ट्रिक लगानी है

SIP के जरिए सिर्फ निवेश करना मायने नहीं रखता है, बल्कि आपने कितनी जल्दी उसकी शुरुआत की है और आप उस निवेश को हर साल बढ़ाते हैं या नहीं. इन दोनों फैक्टर्स से बड़ा फर्क पड़ता है.

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SIP के जरिए निवेश करने का सही तरीका क्या है, ये जानना बहुत जरूरी है (PC: Canva)

महेश, सुरेश और रमेश तीन दोस्त हैं, तीनों एक ही दफ्तर में काम करते हैं, तीनों की उम्र भी 20-20 साल है और तीनों की सैलरी भी 30-30 हजार रुपये ही है. तीनों ने करियर की शुरुआत भी एक ही समय पर की. मगर जब वो 50 साल के हुए तो महेश के पास 50 लाख रुपये थे, सुरेश के पास 3.5 करोड़ रुपये और रमेश के पास करीब 9 करोड़ रुपये. जबकि तीनों ने ही 10,000 रुपये मंथली की SIP के साथ शुरुआत की थी. तो फिर तीनों को SIP निवेश से मिली रकम के बीच इतना बड़ा अंतर क्यों?

इन दो फैक्टर्स ने पैदा किया बड़ा अंतर

इसके पीछे फाइनेंशियल प्लानिंग का एक जबरदस्त फंडा काम करता है, वो है कंपाउंडिंग का. जिसका फायदा महेश को कम हुआ, लेकिन सुरेश को बहुत ज्यादा हुआ और रमेश को सबसे ज्यादा हुआ. दूसरा फंडा क्या है वो आपको आगे समझ आ जाएगा, पहले हम कंपाउंडिंग फैक्टर को समझ लेते हैं.

जैसे -30 हजार की सैलरी में, महेश ने निवेश की बजाय लाइफस्टाइल को मेनटेन करने पर ज्यादा जोर दिया, जब भी निवेश की बात आती तो वो टाल देता. लेकिन सुरेश निवेश को लेकर काफी जागरुक था. उसने अपनी पहली ही सैलरी से 10,000 रुपये म्यूचुअल फंड्स में SIP के जरिए डालने शुरू कर दिए. यही काम रमेश ने भी किया, उसने भी 10,000 रुपये से SIP की शुरुआत की.

15 साल बाद, जब तीनों की उम्र 35 साल की हुई तो, महेश को भी अक्ल आई, उसने भी निवेश की शुरुआत की. वो भी सिर्फ 10,000 रुपये की SIP से. जब वो तीनों 50 साल के हुए तो तीनों के पास जो फंड इकट्ठा हुआ उसमें भारी अंतर था, मान लेते हैं कि तीनों को म्यूचुअल फंड्स से औसत 12% का रिटर्न मिला. अब जरा कैलकुलेशन देखिए.

महेश की कैलकुलेशन
SIP की रकम: 10,000 रुपये
निवेश की अवधि: 15 साल (क्योंकि 35 साल में निवेश की शुरुआत की थी)
कुल निवेश की रकम: 18 लाख रुपये
कुल वैल्यू: 50.45 लाख रुपये

सुरेश की कैलकुलेशन
SIP की रकम: 10,000 रुपये
निवेश की अवधि: 30 साल (क्योंकि 20 साल की उम्र में निवेश की शुरुआत की थी)
कुल निवेश की रकम: 36 लाख रुपये
कुल वैल्यू: 3.52 करोड़ रुपये

रमेश की कैलकुलेशन
यहां पर रमेश और सुरेश दोनों ने ही 20 साल की उम्र में 10,000 रुपये की SIP से शुरुआत की थी, तब रमेश ने कैसे 8.8 करोड़ का फंड बना लिया. क्योंकि रमेश ने कंपाउंडिंग का डबल फायदा उठाया स्टेप-अप के जरिए. सुरेश ने पूरे 30 साल सिर्फ 10 की SIP को जारी रखा, उसे बढ़ाया नहीं, जबकि रमेश ने हर साल 10% से अपनी SIP का बढ़ाया.

SIP की रकम: 10,000 रुपये
निवेश की अवधि: 30 साल (क्योंकि 20 साल में निवेश की शुरुआत की थी)
स्टेप-अप: 10% सालाना
कुल निवेश की रकम: 1.97 करोड़ रुपये
कुल वैल्यू: 8.83 करोड़ रुपये

तो यहां पर आपने देखा कि SIP के जरिए सिर्फ निवेश करना मायने नहीं रखता है, बल्कि आपने कितनी जल्दी उसकी शुरुआत की है और आप उस निवेश को हर साल बढ़ाते हैं या नहीं. इन दोनों फैक्टर्स से कितना बड़ा फर्क पड़ता है. देखिए कंपाउंडिंग का पहला नियम होता है कि आप लंबी अवधि तक निवेशित रहें. जितनी लंबी अवधि तक आप निवेश करते रहेंगे कंपाउंडिंग का फायदा उतना ही ज्यादा मिलेगा.