18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मैनेजर ने चली चाल, जन्मदिन कि छुट्टी का बनाया मुद्दा, कर दी HR को झूठी शिकायत, जानिए पूरी कहानी

रेडिट पर एक वायरल पोस्ट में कर्मचारी ने बताया कि उसका जन्मदिन होने के कारण उसने मौखिक अनुमति ली। लेकिन बाद में मैनेजर मुकर गया और एचआर से झूठी शिकायत कर दी।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Thalaz Sharma

Dec 18, 2025

Worried Employee

कर्मचारी के जन्मदिन कि छुट्टी का मुद्दा बनाकर मैनेजर ने झूठी शिकायत कर दी। (PC: Freepik)


Viral Reddit Post: कॉरपोरेट दुनिया में छोटी-सी चूक भी कभी-कभी बड़ी परेशानी बन जाती है। कई बार मैनेजर और कर्मचारी के बीच हुई मौखिक बातचीत ही विवाद की वजह बन जाती है। ऐसा ही एक मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर सामने आया है, जहां एक कर्मचारी अपना जन्मदिन होने के कारण जल्दी निकलने की अनुमति चाहता था। लेकिन मैनेजर ने उसके साथ खेल खेला और मौखिक तौर पर अनुमति देकर, बाद में झूठे आरोप लगाकर उस कर्मचारी की शिकायत कर दी।

पहले भर दी हां, बाद में मुकर गया मैनेजर

रेडिट पर पोस्ट करके एक व्यक्ति ने अपनी व्यथा जाहिर की है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को वे ऑफिस से शाम 4:15 से 4:30 के बीच निकलना चाहते हैं ताकि बस पकड़ सकें। दरअसल अगले दिन उनका जन्मदिन था, इसलिए उन्हें जल्दी निकलना था। मैनेजर ने मौखिक तौर पर उन्हें अनु​मति दे दी। इसके बाद उस कर्मचारी ने छुट्टी के लिए एक ईमेल भी भेज दिया, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया।

असली खेल तो तब सामने आया जब मैनेजर ने HR डिपार्टमेंट और उच्च अधिकारियों को ईमेल भेज कर उस कर्मचारी की शिकायत कर दी। ईमेल में दावा किया कि वो कर्मचारी दोपहर 3:40 को ही निकल गया, वो भी बिना बताए, बिना किसी अनुमति के। फिर कर्मचारी ने मैनेजर से सामने से बात की और बताया कि उसे मौखिक अनु​मति मिली थी और साथ ही ऑफिस से निकलने का समय भी गलत दर्ज किया गया है।

कॉपोरेट की दुनिया में आती हैं ऐसी चुनौतियां

वास्तव में ऐसे कई केस देखे गए हैं। कॉपोरेट में टिके रहने के लिए आपके पास सभी सबूत मौजूद होने चाहिए। कई बार ऐसी स्थिति में ये बिचौलिए मैनेजर्स अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हैं। इनसे बचने के लिए हर तरह से तैयार रहना चाहिए, जिसके लिए लिखित सबूत सबसे जरूरी है। इसमें लिखित दस्तावेज हो सकते हैं जैसे कोई ईमेल, रिपोर्ट, मैसेज इत्यादि। सिर्फ मौखिक तौर पर कही गई किसी बात पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं किया जा सकता। कई अन्य रेडिट यूजर्स ने सलाह भी दी कि मैनेजर के उस ईमेल पर रिप्लाए करते हुए पुराना ईमेल भी भेजें, जिसमें सही समय लिखा हुआ था। इससे आपके पास सबूत रहेगा।

सिर्फ मौखिक नहीं, लिखित अनु​मति लें

जब कभी भी किसी बात की मौखिक अनुमति लें, तुरंत उसका ईमेल भेजें और लिखित में भी पुष्टी कर लें। इन तरीकों से कर्मचारी अपने आप को ऐसे झूठे इल्जामों से बचा सकते हैं। जैसा इस केस में हुआ कि कर्मचारी ने मौखिक और लिखित दोनों रूप से अपनी बात रखी, लेकिन फिर भी मैनेजर के झूठे इल्जाम से बात का बतंगड़ बन गया। पहले भेजे हुए ईमेल से वह कर्मचारी खुद को निर्दाष साबित कर पाया।