Women Wealth Creation: महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक समय की रिटायरमेंट प्लानिंग की जरूरत होती है। क्योंकि औसतन महिलाएं पुरुषों से 6 साल ज्यादा जीती हैं।
महिलाएं अक्सर बचत तो करती हैं, लेकिन निवेश के मामले में पीछे रह जाती हैं। इसके चलते वे अपनी लाइफ में बड़ा फंड बनाने से चूक जाती हैं। हालांकि, रिसर्च बताता है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में बेहतर निवेशक होती हैं। ऐसे में यह एक बड़ा सवाल है कि महिलाएं निवेश पर मिलने वाले संभावित रिटर्न से क्यों चूक जाती हैं। दरअसल इसके पीछे वजह निवेश को लेकर कॉन्फिडेंस की कमी है। देखने में आया है कि महिलाएं जोखिम को लेकर ज्यादा सतर्क रहती हैं और निवेश में लंबे समय तक बनी रहती हैं। लेकिन जैसे-जैसे निवेश अब मोबाइल में एक क्लिक जितना आसाना हो गया है, बड़ी संख्या में महिलाएं इन्वेस्टमेंट कर रही हैं।
निवेश शुरू करने के लिए एक्सपर्ट होना जरूरी नहीं है। महिलाएं अक्सर निवेश को “सब या कुछ भी नहीं” के नजरिये से देखती हैं। जबकि सीखने की प्रक्रिया धीरे-धीरे भी हो सकती है। हर हफ्ते एक घंटा फाइनेंशियल एजुकेशन के लिए रखें और निवेश से जुड़ी एक नई चीज सीखें। फ्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मदद से इन्वेस्टमेंट अकाउंट्स, डाइवर्सिफिकेशन और रिस्क टॉलरेंस जैसी बेसिक बातें समझें। इसके बाद किसी रिटायरमेंट प्लानिंग स्कीम को चुनकर निवेश शुरू करें।
अगर आप ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते, तो पोस्ट ऑफिस आरडी और पोस्ट ऑफिस टीडी जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम्स से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। अगर आप थोड़ा जोखिम ले सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड एसआईपी शुरू कर सकते हैं। इसमें हर महीने एक तय रकम इन्वेस्ट करनी होती है।
ऐसा न सोचें कि जब मोटा पैसा आएगा, तब निवेश शुरू करेंगे। निवेश को कम उम्र से ही शुरू करें, भले ही छोटी-छोटी रकम ही डालें। अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो VPF एक अच्छा विकल्प है। निवेश की छोटी शुरुआत भी भविष्य में ज्यादा विकल्प और मौके देती है। जैसे मान लीजिए आपको करियर में ब्रेक लेना हो, जल्दी रिटायर होना हो या खुद का बिजनेस शुरू करना हो, तो इस निवेश से मदद मिल सकती है।
औसतन महिलाएं पुरुषों से करीब छह साल ज्यादा जीती हैं। इसलिए उनकी रिटायरमेंट बचत को ज्यादा समय तक चलना होता है। लंबी उम्र के चलते रिटायरमेंट में हेल्थकेयर खर्च भी ज्यादा होता है। इसीलिए जरूरी है कि महिलाएं शुरुआत से ही अपने रिस्क टॉलरेंस, टाइमलाइन और लॉन्ग-टर्म गोल्स के हिसाब से निवेश रणनीति बनाएं। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश फैलाएं, ताकि जोखिम कम हो और समय के साथ बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़े।