Food Processing Industry: भारत सरकार की प्रोडक्शन बेस्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में रोजगार का बड़ा अवसर सामने आया है। इस योजना के लिए 8,910 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। आइए जानते है पूरी खबर।
Food Processing Industry: भारत सरकार की प्रोडक्शन बेस्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में रोजगार का बड़ा अवसर सामने आया है। 31 अक्टूबर 2024 तक इस योजना के अंतर्गत कुल 2.89 लाख से अधिक नौकरियां उत्पन्न की जा चुकी हैं। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के लिए 8,910 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिससे देश के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में व्यापक बदलाव हो रहे हैं।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री (Food Processing Industry) के लिए PLI योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मार्च 2021 को 10,900 करोड़ रुपये के बजट के साथ स्वीकृति दी थी। इसे वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2026-27 तक लागू किया जा रहा है। योजना के तहत स्थानीय स्तर पर उगाए गए कृषि उत्पादों (Food Processing Industry) के उपयोग को प्राथमिकता दी गई है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिला है। अब तक 171 एप्लिकेंट को इस योजना के तहत शामिल किया गया है, जिनमें से 73 लाभार्थी वर्तमान में सक्रिय हैं। यह योजना न केवल बड़े उद्योगों बल्कि छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) के लिए भी अत्यधिक लाभदायक साबित हो रही है।
PLI योजना के तहत किसानों और छोटे उद्यमों को प्राथमिकता दी गई है। स्थानीय स्तर पर कृषि उत्पादों की खरीद में बढ़ोतरी हुई है, जिससे ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में आर्थिक सुधार हो रहा है। केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं (Food Processing Industry) जैसे प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME), और PLISFPI ने भी इस क्षेत्र को मजबूत बनाने में अहम योगदान दिया है।
PLI योजना का एक प्रमुख उद्देश्य MSMEs को सशक्त बनाना है। इसमें शामिल 70 MSMEs सीधे योजना का लाभ उठा रहे हैं, जबकि 40 अन्य कंपनियां बड़े उद्योगों के लिए कॉन्ट्रैक्ट निर्माण कर रही हैं। इसके अलावा, लाभार्थियों को उनके उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खर्च की गई राशि का 50% तक वापस मिलता है।
योजना के तहत लाभार्थियों को अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने और वहां ब्रांडिंग करने में मदद मिल रही है। इस प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए कंपनियों को पांच वर्षों में कम से कम 5 करोड़ रुपये का निवेश करना होता है। इससे भारतीय खाद्य उत्पादों (Food Processing Industry) को विदेशी बाजारों में पहचान मिलने के साथ-साथ निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री (Food Processing Industry) भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। यह न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रही है बल्कि देश की GDP में भी योगदान दे रही है। PLI योजना के तहत कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जिससे देश में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है।
PLI योजना का लाभ लेने के लिए, इच्छुक कंपनियों को आवेदन करना होगा और निर्धारित निवेश मानकों को पूरा करना होगा। योजना के तहत कंपनियों को अपनी वार्षिक खाद्य उत्पाद बिक्री का कम से कम 3% अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खर्च करना अनिवार्य है। इस योजना का उद्देश्य न केवल रोजगार उत्पन्न करना है बल्कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देना भी है।
PLI योजना ने न केवल रोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि स्थानीय किसानों और छोटे उद्योगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रभाव विशेष रूप से देखने को मिला है, जहां कृषि उत्पादों की मांग और मूल्य में बढ़ोतरी हुई है।