ATM Transaction Rules: फ्री मंथली लिमिट पूरी होने पर बैंक 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन तक चार्ज लगा सकते हैं। मेट्रो सिटीज में हर महीने 3 फ्री एटीएम ट्रांजेक्शंस की अनुमति है।
अगर आप अक्सर एटीएम से पैसा निकालते हैं, तो आपको आरबीआई के नए एटीएम नियमों के बारे में पता होना चाहिए। आरबीआई का नियम ग्राहकों को मेट्रो सिटीज में हर महीने 3 फ्री एटीएम ट्रांजेक्शंस की अनुमति देता है। इसके अलावा नॉन-मेट्रो सिटीज में 5 फ्री ट्रांजेक्शंस की अनुमति मिलती है। इस लिमिट से अधिक ट्रांजेक्शंस पर बैंक चार्जेज लगा सकते हैं। एचडीएफसी, पीएनबी और इंडसइड बैंक ने एटीएएम ट्रांजेक्शंस पर अपने चार्जेज में बदलाव किया है। वहीं, एसबीआई अभी भी पुराने फीस स्ट्रक्चर को फॉलो कर रहा है।
फ्री लिमिट में नगदी निकासी जैसे फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस और बैलेंस इन्क्वायरी व पिन चेंज जैसे नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस भी शामिल होते हैं। कैश रिसाइक्लर मशीनों पर कैश डिपॉजिट आमतौर पर फ्री रहता है। लेकिन लिमिट से अधिक निकासी पर चार्ज लग जाएगा।
फ्री मंथली लिमिट पूरी होने पर बैंक 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन तक चार्ज लगा सकते हैं। इसके साथ ही जीएसटी भी लगेगा। उदाहरण के लिए पीएनबी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस पर 23 रुपये और नॉन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस पर 11 रुपये चार्ज लेता है। वहीं, एचडीएफसी बैंक 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज करता है।
एटीएम से जुड़े नियमों के अलावा भी भारत में कैश ट्रांजेक्शंस पर कई प्रतिबंध हैं। एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये या इससे अधिक की जमा या निकासी पर पैन नंबर या आधार की जरूरत होती है। ये नियम काले धन पर रोक लगाने और बैंकिग सिस्टम में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए हैं।
कोशिश करें कि अपने बैंक के एटीएम से ही ट्रांजेक्शन हो। अगर नगदी की जरूरत नहीं है, तो डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करें। अपने एटीएम के इस्तेमाल को ट्रैक करते रहें। इससे आप एक्स्ट्रा एटीएम चार्जेज से बच जाएंगे।