EPFO ने कहा कि उसके सदस्य अब उमंग मोबाइल ऐप के जरिए आधार फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) का उपयोग करके अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) जनरेट और एक्टिव कर सकते हैं।
Good News for EPFO Aaccount Holders: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों को बड़ी राहत देते हुए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को जनरेट और एक्टिव करने की एक नई सुविधा शुरू की है। अब EPFO सदस्य उमंग मोबाइल ऐप के जरिए आधार फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (FAT) का इस्तेमाल करके आसानी से UAN को घर बैठे सक्रिय कर सकते हैं। यह सुविधा पूरी तरह से संपर्क रहित और सुरक्षित है, जिससे करोड़ों कर्मचारियों को सुविधा मिलेगी और प्रक्रियाओं में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
अब तक UAN नंबर मुख्यतः नियोक्ता द्वारा EPFO को प्रस्तुत किए गए कर्मचारी डाटा के आधार पर जारी किया जाता था। लेकिन इस प्रक्रिया में अक्सर मोबाइल नंबर, जन्मतिथि या पिता के नाम जैसी जानकारियों में त्रुटियां देखी जाती थीं। इसके चलते UAN को एक्टिवेट करने या किसी EPFO सेवा का लाभ लेने में सदस्य को परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
वित्त वर्ष 2024-25 में EPFO ने कुल 1.26 करोड़ UAN आवंटित किए थे, लेकिन इनमें से केवल 44.68 लाख (यानी 35.30%) ही सक्रिय किए जा सके। EPFO के मुताबिक कई बार कर्मचारियों को UAN नंबर की जानकारी ही नहीं दी गई, या उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर गलत थे, जिससे आगे की सेवाएं बाधित होती रहीं।
EPFO ने इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उमंग ऐप के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन आधारित UAN एक्टिवेशन की सुविधा शुरू की है। इस प्रक्रिया में सदस्य का चेहरा स्कैन करके उसका आधार से मिलान किया जाता है, जिससे पूरी प्रक्रिया सरल, तेज़ और भरोसेमंद हो जाती है। इससे नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को ही लाभ मिलेगा।
इस नई तकनीक की मदद से UAN जनरेट करने से लेकर एक्टिवेशन तक का काम एक ही प्रक्रिया में पूरा हो जाएगा। जैसे ही नया कर्मचारी किसी कंपनी से जुड़ता है, वह अपने e-UAN कार्ड की PDF और UAN की कॉपी नियोक्ता को सौंप सकता है। इसके बाद EPFO की पासबुक देखना, KYC अपडेट करना, क्लेम जमा करना, और अन्य सेवाएं उपयोगकर्ता के लिए तुरंत सुलभ हो जाएंगी।
UAN यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर एक 12 अंकों का यूनिक नंबर होता है, जो हर EPFO सदस्य को दिया जाता है। यह नंबर कर्मचारी के EPF खातों को एक साथ लिंक करता है और नौकरी बदलने पर भी एक ही UAN चलता रहता है। इससे कर्मचारी को अपने पीएफ बैलेंस, ट्रांजैक्शन और क्लेम की स्थिति जानने में आसानी होती है।
EPFO की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक अहम कदम है, जो कर्मचारियों की सुविधा को बढ़ाएगा और प्रणाली को अधिक पारदर्शी व कुशल बनाएगा।