
EPFO News: केंद्र सरकार ने पिछले साल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा की थी। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगी। यूपीएस की घोषणा के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंतर्गत आने वाले निजी क्षेत्रों के कर्मचारियों ने भी कर्मचारी पेंशन योजना के तहत बढ़ी हुई मासिक पेंशन की मांग उठाना शुरू कर दी है।
दरअसल, वर्तमान में EPS लाभार्थियों को प्रतिमाह 1 हजार रुपये पेंशन मिलती है। जिसके बारे में लोगों का कहना है कि यह बहुत कम है। इस राशि से जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। सरकार से अब पेंशनभोगी इसे बढ़ाकर 9 हजार रुपये करने का आग्रह कर रहे हैं। इसके अलावा पेंशनर्स की मांग है कि उन्हें फ्री मेडिकल सुविधाएं और महंगाई भत्ता भी मिलना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया को चेन्नई ईपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने पत्र लिखा है। इस पत्र में महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 9 हजार रुपये करने की मांग की गई है।
वर्तमान में ईपीएस-95 के तहत करीब 186 संस्थान है और इस कैटेगरी में करीब 80 लाख पेंशनभोगी आते हैं। EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने कहा कि केंद्रीय बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ पेंशन बढ़ोतरी को लेकर चर्चा हुई थी। लेकिन बजट में वित्त मंत्री ने इसको लेकर कोई घोषणा नहीं की। EPFO प्रोफाइल अपडेट करना हुआ आसान (वीडियो पुराना है)...
पेंशनभागियों ने महाराष्ट्र के नासिक में ईपीएफओ ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने न्यूनतम पेंशन 1 हजार रुपये से बढ़ाकर 9 हजार रुपये करने की मांग की। इसके अलावा देश के विभिन्न श्रमिक संगठनों ने श्रम संहिताओं को खत्म करने और निजीकरण बंद करने की मांग को लेकर 20 मई को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
ईपीएस योजना के तहत पेंशन की गणना का वर्तमान फार्मूला है – (60 महीने का मूल वेतन X सेवा अवधि) को 70 से विभाजित किया जाता है।
Published on:
23 Mar 2025 10:49 am
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