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भारत का E-Commerce Market 2030 तक बनाएगा इतने करोड़ रुपये की मेगा सल्तनत: जानिए क्या है डिजिटल भुगतान और बढ़ती मांग की ताकत!

India E-commerce Growth:भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2025 के 145 बिलियन डॉलर से 2030 तक 345 बिलियन डॉलर पहुंचेगा।

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Oct 14, 2025
भारत का ई-कॉमर्स मार्केट। (सांकेतिक फोटो: पत्रिका.)

India E-commerce Growth: भारत का ऑनलाइन शॉपिंग बाजार ( Online shopping market) तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। दिवाली सीजन (Diwali season) में यह मार्केट और तेज होने की संभावना है। रूबिक्स की नई रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में लगभग 12.18 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा 2030 तक दोगुना होकर 28.97 लाख करोड़ रुपये का अंक छू लेगा। यह ग्रोथ 19% की सीएजीआर ( CGR) से होगी। शहरों का फैलाव, लोगों की बदलती पसंद और डिजिटल पेमेंट का बोलबाला इसके पीछे की वजहें हैं। भारत 2024 में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रिटेल मार्केट बन चुका है।

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ई-कॉमर्स की वर्तमान स्थिति: GMV में 12% की उछाल

वित्त वर्ष 2025 में भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर का सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) 1.18 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल से 12% ज्यादा है। लेकिन कुल रिटेल सेल्स में इसका हिस्सा अभी सिर्फ 7-9% है। मतलब, अभी बहुत गुंजाइश बाकी है। रिपोर्ट कहती है कि ऑनलाइन शॉपिंग का दायरा छोटे शहरों तक फैल रहा है। टियर-3 और छोटे शहरों ने 2020 से नए ऑनलाइन खरीदारों में 60% और कुल ऑर्डर में 45% का योगदान दिया है। यह बदलाव डिजिटल इंडिया और नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी जैसे सरकारी कदमों से संभव हुआ है।

ब्यूटी सेगमेंट की धमाकेदार ग्रोथ: इन्फ्लुएंसर का जादू

रिपोर्ट में सबसे तेज बढ़ते सेगमेंट के रूप में ब्यूटी को चुना गया है। इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग, डिजिटल इस्तेमाल में इजाफा और पर्सनलाइज्ड प्रोडक्ट्स की डिमांड से यह सेक्टर उड़ान भर रहा है। लोग अब घर बैठे कस्टमाइज्ड ब्यूटी प्रोडक्ट्स ऑर्डर कर रहे हैं। इसके अलावा, पिछले 10 सालों में प्रति व्यक्ति कमाई में 57.5% की बढ़ोतरी हुई है। इससे डिस्क्रिशनरी खर्च बढ़ा, यानी लग्जरी और स्टाइलिश सामान पर ज्यादा खर्च। महिलाओं की वर्कफोर्स पार्टिसिपेशन 2018 के 23% से 2024 में 42% हो गई, जिससे ड्यूल इनकम फैमिलीज बढ़े और प्रीमियम प्रोडक्ट्स की मांग चढ़ गई।

छोटे शहरों का योगदान: ग्रामीण-शहरी गैप मिट रहा

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होने से ग्रामीण और शहरी इलाकों की खरीदारी की आदतें एक जैसी हो रही हैं। छोटे शहरों से न सिर्फ खरीदार बढ़े, बल्कि सेलर्स भी ज्यादा एक्टिव हो गए। रिपोर्ट बताती है कि कंजम्प्शन पैटर्न में बड़ा बदलाव आ रहा है। लोग अब कन्वीनियंस को प्राथमिकता दे रहे हैं। सरकारी योजनाएं सप्लाई चेन को मजबूत कर रही हैं, जिससे डिलीवरी तेज और सस्ती हो रही है। यह ट्रेंड 2030 तक ई-कॉमर्स को और ऊंचाई देगा।

FDI नियमों में बदलाव: अमेजन जैसी कंपनियों को निर्यात का मौका

रिपोर्ट में एक बड़ा प्रपोजल है – सरकार FDI नियमों को ढीला करने पर विचार कर रही है। इससे अमेजन जैसी ग्लोबल कंपनियां भारतीय सेलर्स से सीधे माल खरीदकर एक्सपोर्ट कर सकेंगी। अभी वे सिर्फ मिडिलमैन का रोल निभा सकती हैं। नया थर्ड-पार्टी एक्सपोर्ट मॉडल आएगा, जहां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स एक डेडिकेटेड एक्सपोर्ट यूनिट संभालेंगी। यह बदलाव अनुपालन और रेगुलेटरी प्रोसेस को आसान बनाएगा। भारत को ग्लोबल ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब बनाने का यह कदम निर्यात को बूस्ट देगा।

भविष्य की संभावनाएं: भारत बनेगा रिटेल सुपरपावर

बहरहाल रूबिक्स रिपोर्ट भारत को ग्लोबल रिटेल पावरहाउस बता रही है। 2030 तक 345 बिलियन डॉलर का बाजार न सिर्फ जॉब्स क्रिएट करेगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को मजबूत भी। लेकिन चुनौतियां हैं – जैसे डेटा प्राइवेसी, लॉजिस्टिक्स कॉस्ट और साइबर सिक्योरिटी। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इन पर फोकस से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन कंज्यूमर मार्केट बन सकता है। यह रिपोर्ट बिजनेस लीडर्स के लिए गाइड बनेगी। ( ANI)

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