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क्या भारत और सिंगापुर मिल कर बनाएंगे डिजिटल क्रांति का नया मॉडल ? बदलेगी एशिया की डिजिटल तस्वीर!

India-Singapore Digital Partnership: भारत और सिंगापुर ने एआई, डिजिटल भुगतान और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में मिलकर काम करने का फैसला किया है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 04, 2025

India-Singapore Digital Partnership

नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग और प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र मोदी। (फोटो: आईएएनएस)

India-Singapore Digital Partnership: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच गुरुवार को नई दिल्ली में हुई अहम बैठक के दौरान दोनों देशों ने तकनीक, नवाचार, रक्षा, व्यापार और युवा सहयोग जैसे कई अहम क्षेत्रों में साझेदारी (India Singapore digital partnership) और मजबूत करने का फैसला लिया। पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम टेक्नोलॉजी और डिजिटल नवाचार दोनों देशों की साझेदारी के मुख्य स्तंभ बन चुके हैं। उन्होंने इस बात की घोषणा की कि भारत और सिंगापुर ने इन अत्याधुनिक तकनीकों में मिलकर काम (India Singapore AI collaboration) करने का निर्णय लिया है। साथ ही, इस साल के अंत में एक भारत-सिंगापुर हैकाथॉन का आयोजन किया जाएगा, ताकि दोनों देशों के युवाओं को प्रतिभा और तकनीक के जरिए जोड़ा जा सके।

UPI और PayNow से बढ़ी डिजिटल कनेक्टिविटी (UPI PayNow integration)

पीएम मोदी ने UPI और सिंगापुर के PayNow को डिजिटल सहयोग का सफल उदाहरण बताया। अब 13 नए भारतीय बैंक इस नेटवर्क से जुड़ गए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच रियल-टाइम फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन संभव हो पाएंगे।

व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी को मिला नया आयाम

प्रधानमंत्री ने याद किया कि 2024 में उनकी सिंगापुर यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने अपने रिश्तों को "विस्तृत रणनीतिक साझेदारी" में बदला था। अब भारत और सिंगापुर ने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) और ASEAN मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा पर सहमति जताई है। इसका मकसद है- व्यापार को और तेज़ करना और दोनों देशों को आर्थिक रूप से और करीब लाना।

नए क्षेत्रों में भी सहयोग होगा-ग्रीन शिपिंग से न्यूक्लियर तक

अब भारत और सिंगापुर केवल परंपरागत क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेंगे। उन्होंने उन्नत विनिर्माण (Advanced Manufacturing), ग्रीन शिपिंग, कौशल विकास, परमाणु ऊर्जा और शहरी जल प्रबंधन जैसे भविष्य-केंद्रित क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है।

सिंगापुर को बताया 'Act East' नीति का अहम स्तंभ

पीएम मोदी ने कहा कि सिंगापुर, भारत की Act East नीति का मजबूत हिस्सा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए दोनों देश मिलकर ASEAN के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

लोगों के बीच रिश्तों को बताया सबसे मजबूत आधार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के रिश्ते सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और मानवीय मूल्यों पर आधारित हैं। दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध जीवंत और गहरे हैं, जो इस सहयोग की असली ताकत हैं।

दोनों देशों को लाभ मिलेगा

बहरहाल भारत और सिंगापुर के बीच बढ़ता डिजिटल और टेक्नोलॉजी सहयोग दोनों देशों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। इस साझेदारी से न केवल दोनों देशों को लाभ मिलेगा, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और विकास को भी बल मिलेगा।