पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते निवेशक सतर्क बने हुए हैं और मौजूदा समय में शेयर बाजार में कारोबार करने से बच रहे हैं।
Stock Market: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से निवेशक सतर्क हो गए हैं और बाजार में कारोबार में थोड़ी सुस्ती देखने को मिली है। हालांकि, ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि जब-जब एलओसी पर तनाव बढ़ा है या आतंकी हमले हुए हैं, उसके बाद भारतीय शेयर बाजार ने तेज रिकवरी दिखाई है और लंबी अवधि में बेहतर प्रदर्शन किया है।
हाल के उदाहरणों की बात करें तो पुलवामा हमले के बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी लॉन्च पैड्स पर एयरस्ट्राइक की थी। इस घटना के बाद सेंसेक्स में 239 अंक और निफ्टी में 44 अंक की गिरावट आई थी। हालांकि, इसके अगले दिन ही बाजार ने रिकवरी की और सेंसेक्स 165 अंक की तेजी के साथ खुला था।
इसी तरह, 2016 में उरी आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उस समय भी सेंसेक्स और निफ्टी में क्रमश: 400 अंक और 156 अंक की गिरावट आई थी, लेकिन बाद में बाजार ने मजबूत सुधार दिखाया।
2008 में 26/11 मुंबई आतंकी हमले के समय बाजार ने अपेक्षा के विपरीत प्रदर्शन किया। उस दौरान सेंसेक्स में 400 अंक और निफ्टी में 100 अंक की तेजी देखी गई थी।
सबसे बड़ी मिसाल कारगिल युद्ध (1999) की है, जब करीब तीन महीने चले संघर्ष के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में 33 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। सेंसेक्स ने 1,100 अंक और निफ्टी ने 300 अंक से ज्यादा की छलांग लगाई थी।
इतिहास को देखते हुए निवेशकों में यह भरोसा बनता है कि भले ही शुरुआती दौर में हल्की गिरावट हो, लेकिन भारतीय शेयर बाजार जल्द ही स्थिरता हासिल कर लेता है और दीर्घकाल में बेहतर रिटर्न देता है।
पहलगाम हमले के बाद भी बाजार ने तेजी से वापसी की है। सोमवार को सप्ताह के पहले कारोबारी दिन दोपहर तक सेंसेक्स 983 अंक (1.24%) चढ़कर 80,196 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 290 अंक (1.21%) बढ़कर 24,329 पर रहा। यह संकेत देता है कि निवेशकों का भरोसा अभी भी बाजार की बुनियादी मजबूती पर कायम है।