Apple iPhone 17: एपल भारत में आईफोन 17 के सभी मॉडल्स बनाएगा। भारत की 5 फैक्ट्रियों में ये आईफोन बनाए जाएंगे। टाटा ग्रुप की कंपनी भी आईफोन असेंबल कर रही है।
Apple iPhone 17: एपल आइफोन 17 को 9 सितंबर लॉन्च करने की तैयारी में है। खास बात यह है कि एपल आइफोन 17 के सभी मॉडल भारत की पांच फैक्ट्रियों में ही बनाएगा। इनमें से दो फैक्ट्रियां अभी शुरू हुई हैं। यह पहला मौका है जब प्रो वर्जन सहित सभी नए आइफोन वेरिएंट की मैन्युफैक्चरिंग भारत में हो रही है। एपल का यह कदम चीन पर निर्भरता को कम करने और टैरिफ से बचने वाली रणनीति का हिस्सा है।
भारत में आइफोन की मैन्युफैक्चरिंग पांच कंपनियों में हो रही है, जिसका लगभग आधा हिस्सा टाटा ग्रुप की कंपनी अकेले बना रही है। एपल की योजना इस साल आइफोन उत्पादन भारत में बढ़ाकर छह करोड़ यूनिट करने की है, जो वर्ष 2024-25 में करीब चार करोड़ यूनिट थी।
अमरीका में बिकने वाले 78% आइफोन भारत में बन रहे हैं। भारत से आइफोन का निर्यात भी बढ़कर 2.28 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया है। वहीं, अमेरिका को होने वाले कुल स्मार्टफोन निर्यात में भारत ने चीन और वियतनाम को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका को स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 44% वियतनाम की 30% और चीन की 25% है। भारत में स्मार्टफोन का उत्पादन एक साल में ही 240% बढ़ा है।
आइफोन-17 का प्रोडक्शन भारत में होने से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ सकता है। यह कदम भारत को हाई-एंड टेक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करेगा, जो सैमसंग, शाओमी जैसी कंपनियों को भी बड़े पैमाने पर भारत में निवेश करने को प्रेरित करेगा। भारत सिर्फ मोबाइल असेंबली नहीं, बल्कि सप्लाई चेन, कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग में भी हिस्सा लेगा, जिससे इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ सकता है।
आइफोन बनाने वाली इन 5 फैक्ट्रियों से हजारों डायरेक्ट जॉब्स और लाखों इनडायरेक्ट जॉब्स लॉजिस्टिक्स, क्वालिटी टेस्टिंग, कंपोनेंट्स में पैदा होंगे। यह कदम चीन पर निर्भरता कम करने और भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। भारत वियतनाम और चीन के बीच प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग बेस के रूप में उभर सकता है।
आइफोन-17 की पूरी तरह भारत में मैन्युफैक्चरिंग होने पर इंपोर्ट ड्यूटी कम होने की संभावना है। इससे आइफोन बनाने की लागत तो घटेगी, पर इससे देश में आइफोन की कीमतें कम होने की उम्मीद नहीं है। अभी तक भारत में आइफोन अमेरिका-चीन और यूरोपीय देशों की तुलना में महंगा बिक रहा है।
घरेलू स्तर पर उत्पादन होने से भारतीय ग्राहकों को नए मॉडल की डिलीवरी समय पर मिलेगी और आफ्टर सेल्स सर्विस भी तेज हो सकती है। लोकल सप्लाई चेन मजबूत होने से रिपेयर लागत कम होने की संभावना है। स्पेशल एडिशन कस्टमाइजेशन भी आसान होगा।