हैल्थ इंश्योरेंस के अगर कुछ बड़े फायदों को गिनाया जाए तो यह मेडिकल खर्च, अस्पताल में भर्ती होने की लागत, परामर्श लागत कंसलटेशन फीस) और एम्बुलेंस चार्जेज आदि को कवर कर पॉलिसीधारकों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह बीमित व्यक्ति को मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।
हैल्थ इंश्योरेंस के अगर कुछ बड़े फायदों को गिनाया जाए तो यह मेडिकल खर्च, अस्पताल में भर्ती होने की लागत, परामर्श लागत (कंसलटेशन फीस) और एम्बुलेंस चार्जेज आदि को कवर कर पॉलिसीधारकों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह
बीमित व्यक्ति को मानसिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है। पर यह भी सच्चाई है कि कई बार उनका क्लेम खारिज हो जाता है और यह बीमा धारकों में अक्सर भ्रम और कड़वाहट का माहौल पैदा करता है। क्लेम को रिजेक्ट करने के कुछ बुनियादी कारण हैं और उन्हें जानना आवश्यक है ताकि उन गलतियों से बचा जा सके, जो क्लेम को रिजेक्ट करने का कारण बन सकती हैं।
अधिकांश हैल्थ इंश्योरेंस के प्लान्स को हर साल रिन्यू करवाने की आवश्यकता होती है। कई बार पॉलिसीधारकों को यह अहसास नहीं होता है कि उनका कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया है और क्लेम खारिज होने के बाद पता चलता है। यह कई लोगों के लिए एक बड़ा झटका होता है। पॉलिसी की समय सीमा समाप्त हो गई है तो बीमा कंपनी क्लेम का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है।
हैल्थ इंश्योरेंस में प्रतीक्षा अवधि के दौरान क्लेम नहीं किया जा सकता है। प्रतीक्षा अवधि पॉलिसी की शुरुआत के साथ शुरू होती है। यदि इस दौरान क्लेम किया जाता है तो वह रिजेक्ट कर दिया जाएगा। समय के भीतर क्लेम न करना: बीमा पॉलिसियों में एक निर्धारित समय-सीमा का उल्लेख होता है जिसके भीतर पॉलिसीधारक को क्लेम करना चाहिए। आमतौर पर पॉलिसी क्लेम फाइल करने के लिए डिस्चार्ज की तारीख से 60-90 दिनों की अवधि के भीतर क्लेम फाइल नहीं किया जाता है तो यह अस्वीकृति या रिजेक्ट का कारण बन जाता है। इसलिए डिस्चार्ज के तुरंत बाद क्लेम फाइल कर दें।
दस्तावेजों का सही न होना: कई बार क्लेम, विशेष रूप से पुर्नभरण के क्लेम गलत या अधूरे दस्तावेजों के कारण खारिज हो जाते हैं। इसलिए पॉलिसीधारक को किसी भी समस्या से बचने के लिए विधिवत भरे हुए क्लेम फॉर्म के साथ सभी मूल दस्तावेज, टेस्ट रिपोर्ट, डॉक्टर परामर्श पत्र(कंसलटेशन लेटर) और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करना चाहिए।
पहले से मौजूद बीमारियों या स्थितियों का खुलासा करना महत्त्वपूर्ण है जैसे कि बीमित व्यक्ति को ब्लड प्रेशर या दिल की कोई बीमारी है या नहीं। यदि किसी की पहले कोई बड़ी सर्जरी हुई है, उसका भी खुलासा करना होगा। बीमा रिन्यू करते समय किसी
भी नई मेडिकल परिस्थिति या बीमारी का खुलासा करना भी जरूरी है। हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्लेम के दौरान परेशानी से बचने के लिए बीमाकर्ता के साथ स्वास्थ्य से संबंधित विवरण साझा करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
क्लेम का आसान सेटलमेंट सुनिश्चित करने के लिए यह भी सलाह दी जाती है कि आप इलाज के लिए अच्छा अस्पताल चुनें, जहां कैशलेस की सुविधा हो। साथ ही कुछ चार्जेज पर छूट पा सकते हैं।
-भास्कर नेरुरकर, हेड, हैल्थ एडमिनिस्ट्रेशन टीम, बजाज अलायंस जनरल इंश्योरेंस