Viral campus placement screenshot: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में कहा गया है कि एक कंपनी केवल उन्हें ही नौकरी ऑफर करती है, जिनके पास अपना घर हो।
Mumbai Company Job Policy Own House Only: क्या नौकरी देने वाली कंपनी को इस बात से कोई लेना-देना होना चाहिए कि आवेदक किराये के मकान में रहता है या उसका अपना घर है? सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस छिड़ी है। दरअसल, एक यूजर ने अपनी पोस्ट में बताया है कि मुंबई की एक कंपनी केवल उन्हें ही नौकरी देती है, जिनके पास अपना घर हो। यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है।
अभिनव नाम के एक्स (पहले ट्विटर) यूजर ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें आवेदक की योग्यता और जरूरी दस्तावेजों का जिक्र है। इसके ठीक नीचे लिखा है कि किराये के मकान या PG में रहने वाले उम्मीदवार पात्र नहीं हैं। यानी ऐसे लोग जिनके पास अपना घर नहीं है, वह आवेदन की पात्रता नहीं रखते हैं। यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है और लोग कंपनी पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। अभिनव ने इसके बारे में अधिक जानकारी प्रदान नहीं की है कि वह किस कंपनी की बात कर रहे हैं।
यूजर अभिनव ने कमेंट सेक्शन में स्पष्ट किया है कि यह रिक्रूटमेंट एडवर्टाइज़मेंट कैंपस प्लेसमेंट के दौरान शेयर किया गया था। यह एडवर्टाइज़मेंट कब का है, कंपनी का नाम क्या था, आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अभिनव ने कमेंट सेक्शन में केवल यही बताया है कि यह कैंपस प्लेसमेंट के समय शेयर किया गया था। इस पोस्ट के बद यह बहस छिड़ गई है कि कोई कंपनी किराये पर रहने वाले को नौकरी से कैसे वंचित कर सकती है। एक यूजर ने लिखा है - इसका मतलब है कि टैलेंट मायने नहीं रखता पर स्थायी पता होना चाहिए।
शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में जरूरी दस्तावेजों के तौर पर आधार कार्ड का भी जिक्र है। इस पर एक यूजर ने लिखा है कि प्राइवेट कंपनी आधार कार्ड नहीं मांग सकतीं, यह सुप्रीम कोर्ट के 2018 को दिए आदेश का सीधा उल्लंघन है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का यह भी मानना है कि कंपनी ज्यादा सैलरी नहीं देना चाहती, इसलिए उसने यह शर्त रखी है। ऐसे में केवल स्थानीय लोग ही आवेदन करेंगे, जो बाहर से आए लोगों की तुलना में कम सैलरी में काम करने को तैयार हो सकते हैं। अब इस पोस्ट में कितनी सच्चाई है, नहीं कहा जा सकता, लेकिन फिलहाल इसने सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ दी है।