नए सर्कुलर के मुताबिक अगर किसी यूजर को बैंक ने किसी खास जरूरत के लिए यूपीआइ पर क्रेडिट लाइन की सुविधा दी है, तो उसका इस्तेमाल सिर्फ उसी जरूरत को पूरा करने के लिए करना होगा। नया नियम 31 अगस्त से लागू होने जा रहा है।
यूपीआइ वॉलेट (UPI Wallet) में पहले से मंजूर कर्ज राशि (Loan Amount) यानी क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल अब सिर्फ उसी काम के लिए होगा, जिसके लिए बैंक (Bank) ने वह कर्ज मंजूर किया था। नया नियम 31 अगस्त 2025 से लागू होगा। राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआइ- NPCI) ने इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है।
नए सर्कुलर के मुताबिक अगर किसी यूजर को बैंक ने किसी खास जरूरत के लिए यूपीआइ पर क्रेडिट लाइन (Credit Line) की सुविधा दी है, तो उसका इस्तेमाल सिर्फ उसी जरूरत को पूरा करने के लिए करना होगा। NPCI ने सभी बैंकों, भुगतान कंपनियों और यूपीआइ ऐप्स को इन बदलावों को लागू करने का निर्देश दिया है।
यूपीआइ पर क्रेडिट लाइन जोड़ने की सुविधा अप्रेल 2023 में ही शुरू हो चुकी है, लेकिन इसका नियंत्रण और निगरानी की व्यवस्था कमजोर थी। कई बार यह देखा गया कि ग्राहक इस कर्ज का इस्तेमाल उस मकसद के लिए नहीं करते, जिसके लिए यह मंजूरी मिली होती है। इससे बैंकिंग प्रणाली और उपभोक्ता सुरक्षा दोनों पर असर देखा जा रहा था। NPCI ने कहा कि इस सुविधा का दुरुपयोग रोकने के लिए नए नियम लागू किए जा रहे हैं। कई बैंक यूपीआइ पर 2 लाख रुपए तक का क्रेडिट लाइन दे रहे हैं।
पहले यूपीआइ के जरिए केवल बचत खाते, वॉलेट या रुपे क्रेडिट कार्ड को जोड़ा जा सकता था, लेकिन बाद में क्रेडिट लाइन सुविधा को भी जोड़ दिया गया। यह एक तरह का ऋण होता है जो बैंकों की ओर से अपने ग्राहकों के लिए पहले से मंजूर होता है। इसमें क्रेडिट कार्ड की तरह ही ग्राहक को खर्च करने के लिए निश्चित रकम निर्धारित की जाती है। हालांकि इसमें पूरी लोन राशि प्राप्त करने के बजाय, जरूरत पड़ने पर यूपीआइ के माध्यम से थोड़ा-थोड़ा करके पैसे का उपयोग कर सकते हैं। अगर यूजर के बचत खाते या यूपीआइ वॉलेट में रकम नहीं है तो वह कर्ज की इस राशि का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर भुगतान के लिए कर सकता है। इसमें पूरी लोन राशि पर नहीं, बल्कि जितनी राशि खर्च की जाएगी, उतने पर ही बैंक ब्याज वसूलते हैं।