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Real Estate News: प्रॉपर्टी का मालिक बनना है तो सिर्फ रजिस्ट्री काफी नहीं, ये डॉक्यूमेंट्स चेक नहीं किये तो हो जाएगा बड़ा नुकसान

Real Estate News: प्रॉपर्टी खरीदते समय सभी महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स चेक करना काफी जरूरी है। सिर्फ रजिस्ट्री होने से प्रॉपर्टी आपकी नहीं हो जाती। चेन डीड और टाइटल डीड जरूर चेक कर लें।

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Dec 20, 2025
प्रॉपर्टी खरीदते समय चेन डीड जरूर चेक करें। (PC: ChatGPT)

Real Estate News: प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के सबसे बड़े फैसलों में से एक होता है। लेकिन कुछ गलतियां आपको बहुत भारी पड़ सकती हैं। कई लोगों को लगता है कि रजिस्ट्री होने से वे प्रॉपर्टी के मालिक बन जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने महनूर फातिमा इमरान बनाम स्टेट ऑफ तेलंगाना मामले में दिए फैसले में यह स्पष्ट किया है कि सिर्फ रजिस्ट्री करा लेना ही मालिकाना हक की गारंटी नहीं है। इसलिए अगर आप भी घर, फ्लैट या प्लॉट खरीदने जा रहे हैं, तो रजिस्ट्री के साथ ही दूसरे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स भी चेक कर लें। आइए विस्तार से जानते हैं।

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रजिस्ट्री नहीं है मालिकाना हक की गारंटी

रजिस्ट्री केवल एक आधिकारिक रिकॉर्ड है कि लेनदेन हुआ है। यह लेनदेन की वैधता या मालिकाना हक (Ownership) को प्रमाणित नहीं करती। यदि प्रॉपर्टी की पहली बिक्री ही गैर-कानूनी या अनरजिस्टर्ड सेल एग्रीमेंट पर आधारित थी, तो उसके बाद होने वाली सभी रजिस्टर्ड डील्स और कब्जा अवैध माना जाएगा। यदि बेचने वाले के पास स्पष्ट मालिकाना हक नहीं है, तो आपकी रजिस्ट्री आपको कानूनी सुरक्षा नहीं दे पाएगी।

प्रॉपर्टी खरीदते समय चेक कर लें ये डॉक्यूमेंट्स

चेन डीड

भविष्य की परेशानियों से बचने के लिए केवल वर्तमान कागज नहीं, बल्कि पूरी कुंडली खंगालना जरूरी है। प्रॉपर्टी के मालिकाना हक का चेन सिस्टम देखें। पता करें कि आपसे पहले व प्रॉपर्टी किस-किस के पास थी और उसे लीगल तरीके से बेचा गया था या नहीं। यह आपको चेन डीड से पता चलेगा। चेन डीड से पता चलता है कि प्रॉपर्टी पिछले मालिकों के पास कानूनी रूप से कैसे पहुंची। इसकी कड़ियां टूटी नहीं होनी चाहिए। आप अपने नगर निकाय में जाकर यह जानकारी पा सकते हैं।

टाइटल डीड

यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो साबित करता है कि बेचने वाले को उस संपत्ति को बेचने का कानूनी अधिकार है। प्रॉपर्टी की टाइटल डीड चेक करें। अगर बेचने वाले के पास टाइटल डीड नहीं है, तो उसे प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार नहीं है। ऐसे में प्रॉपर्टी विवादित हो सकती है।

भार-मुक्त सर्टिफिकेट (EC)

यह सुनिश्चित करता है कि प्रॉपर्टी पर कोई पुराना कर्ज या कानूनी विवाद तो नहीं है। आप किसी लीगल फर्म की मदद से यह पता लगा सकते हैं।

PC: Pexels

ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC)

फ्लैट के मामले में यह अनिवार्य है। यह बताता है कि बिल्डिंग नियमों के अनुसार बनी है और रहने के लिए सुरक्षित है। ओसी नहीं मिला है, तो उस बिल्डिंग में रहना लीगल नहीं होगा।

संबंधित अथॉरिटी द्वारा मंजूर हो नक्शा

सुनिश्चित करें कि निर्माण नगर निगम या विकास प्राधिकरण से पास नक्शे के अनुसार ही हुआ है, अन्यथा वह अवैध निर्माण माना जा सकता है।

प्रॉपर्टी टैक्स

प्रॉपर्टी खरीदते समय पता कर लें कि पुराने मालिक ने प्रॉपर्टी टैक्स दिया है या नहीं। इसके लिए प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें चेक कर लें।

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Updated on:
20 Dec 2025 01:06 pm
Published on:
20 Dec 2025 01:03 pm
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