Reliance Share Loss: रिलायंस के शेयरों में बिकवाली के कारण भारतीय बाजार में बुधवार को भारी गिरावट आई। कंपनी के शेयर ₹1,193.65 पर पहुंचकर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए।
Reliance Share Loss: भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को भारी गिरावट देखी गई, जिसका प्रमुख कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयरों में आई भारी बिकवाली रही। कंपनी के शेयर 3% से अधिक टूटकर 52 सप्ताह के नए निचले स्तर ₹1,193.65 प्रति शेयर पर पहुंच गए है। इस गिरावट के साथ ही रिलायंस के शेयरों में गिरावट का यह लगातार चौथा सत्र रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट से बाजार में बड़ी हलचल मची हुई है। भारी वॉल्यूम के बीच करीब 72 लाख शेयरों की ट्रेडिंग हुई, जो कि पिछले एक सप्ताह के औसत 93 लाख शेयरों से कम रही। इस गिरावट के चलते बाजार में नेगेटिव सेंटीमेंट और बढ़ गया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) का शेयर पिछले कुछ दिनों से लगातार दबाव में है। बीते एक सप्ताह में कंपनी के शेयरों में 6% से अधिक की गिरावट देखी गई है, जबकि एक महीने में यह 3% से ज्यादा लुढ़क चुका है। बीते एक साल में रिलायंस के शेयरों में 17% से अधिक की गिरावट आ चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) पर बढ़ते ग्लोबल इकोनॉमिक प्रेशर, कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता, विदेशी निवेशकों (FIIs) की भारी बिकवाली और टेलीकॉम व रिटेल सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का असर देखने को मिल रहा है। इसके अलावा, हाल ही में कंपनी की तिमाही नतीजों में भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं रहा। निवेशकों को कंपनी की धीमी ग्रोथ को लेकर चिंता है, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) भारतीय शेयर बाजार (Share Market) का एक महत्वपूर्ण घटक है। जब भी कंपनी के शेयरों में गिरावट होती है, तो इसका सीधा असर सेंसेक्स और निफ्टी पर पड़ता है। बुधवार को सेंसेक्स में 800 अंकों की भारी गिरावट देखी गई, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स भी 1% से अधिक टूटकर 22,900 के नीचे चला गया। इस गिरावट का असर पूरे शेयर बाजार पर पड़ा और बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर ₹400.5 लाख करोड़ रह गया, जो कि पिछले सत्र में ₹408.5 लाख करोड़ था। यानी, महज एक दिन में निवेशकों को करीब ₹8 लाख करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के शेयरों में लगातार गिरावट के बाद निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह गिरावट जारी रहेगी या अब इसमें रिकवरी देखने को मिलेगी। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिलायंस के शेयर अगले कुछ सत्रों तक दबाव में रह सकते हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में कंपनी की मजबूती बरकरार है। हालांकि, कंपनी को टेलीकॉम और रिटेल सेगमेंट में नई रणनीतियों के साथ निवेशकों का भरोसा फिर से जीतना होगा। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों का रुख, ग्लोबल मार्केट की स्थिति और कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता भी कंपनी के शेयर पर असर डाल सकती है।
विश्लेषकों का कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के शेयरों में लॉन्ग-टर्म निवेशक बने रह सकते हैं, लेकिन शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को सतर्क रहने की जरूरत है। यदि कंपनी के शेयर ₹1,180-1,200 के स्तर पर सपोर्ट पाते हैं, तो इसमें तेजी की संभावना बन सकती है। लेकिन अगर यह स्तर भी टूटता है, तो और गिरावट देखने को मिल सकती है।