भारत और अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता से निवेशकों के मन में आशंकाएं पैदा हो रही हैं. अगर डील नहीं हो पाती है तो रुपये में आगे और कमजोरी देखने को मिल सकती है
डॉलर के मुकाबले रुपये की हालत लगातार पतली हो रही है. रुपया रोज़ाना निचले स्तरों का नया रिकॉर्ड बना रहा है. आज यानी 2 दिसंबर, 2025 को डॉलर के मुकाबले रुपया 90 के स्तर के बेहद करीब पहुंच चुका है. डॉलर के मुकाबले रुपया आज 41 पैसे टूटकर 89.97 के स्तर तक फिसल गया, जो कि इसका सबसे निचला स्तर है. पिछले सत्र में रुपया 89.56 पर बंद हुआ था. डॉलर के मुकाबले रुपया इस साल अबतक करीब 5.2% तक टूट चुका है, लगातार कमजोरी की वजह से भारतीय रुपया अब एशियाई बाजारों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसी बन चुका है.
रुपये में ये गिरावट आखिर क्यों आ रही है, इसके क्या कारण हैं और रुपये की कमजोरी से किसको नुकसान है और किसको फायदा जरा इसको समझते हैं.
रुपये की कमजोरी का असर अलग-अलग सेक्टर के लिए अलग अलग है. किसी को इसका फायदा मिलता है तो किसी को नुकसान होता है.