Share Market: शेयर बाजार में आज सबसे अधिक गिरावट निफ्टी मीडिया में 2.61 फीसदी दर्ज हुई है। इसके अलावा, निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेस में 2.01 फीसदी, निफ्टी ऑटो में 1.27 फीसदी और निफ्टी एफएमसीजी में 0.92 फीसदी गिरावट दर्ज हुई।
भारतीय शेयर बाजार आज हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 0.88 फीसदी या 721 अंक की गिरावट के साथ 81,463 पर बंद हुआ है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 0.90 फीसदी या 225 अंक की गिरावट के साथ 24,837 पर बंद हुआ है। बाजार में आई इस गिरावट से निवेशकों ने सिर्फ एक दिन में 6.5 लाख करोड़ रुपये गंवा दिये हैं। शेयर बाजार में आज लगातार दूसरे दिन गिरावट आई है। मिड कैप और स्मॉल कैप सेगमेंट में आज सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है।
बीएसई मिडकैप इंडेक्स आज 1.46 फीसदी गिर गई। जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 1.88 फीसदी क्रैश हो गई। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट कैप 458.11 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 451.7 लाख करोड़ रुपये रह गई है।
सेक्टोरल सूचकांकों की बात करें, तो आज सबसे अधिक गिरावट निफ्टी मीडिया में 2.61 फीसदी दर्ज हुई है। इसके अलावा, निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेस में 2.01 फीसदी, निफ्टी ऑटो में 1.27 फीसदी, निफ्टी एफएमसीजी में 0.92 फीसदी, निफ्टी आईटी में 1.42 फीसदी, निफ्टी मेटल में 1.64 फीसदी, निफ्टी पीएसयू बैंक में 1.70 फीसदी, निफ्टी प्राइवेट बैंक में 0.97 फीसदी, निफ्टी रियल्टी में 0.99 फीसदी, निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.05 फीसदी और निफ्टी ऑयल एंड गैस में 1.96 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। इससे इतर, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में 0.69 फीसदी और निफ्टी फार्मा में 0.54 फीसदी की तेजी दर्ज हुई।
-विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं। जुलाई में अब तक एफपीआई 28,528 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर बेच चुके हैं।
-भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील में कोई स्पष्टता नहीं आने से निवेशकों का सेंटीमेंट डाउन है।
-भारतीय कंपनियों के कमजोर पहली तिमाही के नतीजों के चलते मार्केट सेंटीमेंट उठ नहीं पाया है। आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर चिंता बनी हुई है।
-निफ्टी-50 25,000 अंक के महत्वपूर्ण लेवल से नीचे आ गया है। यह संकेत देता है कि और गिरावट देखने को मिल सकती है।
-एक्सपर्ट्स के अनुसार घरेलू शेयर बाजार की वैल्यूएशन काफी खिंच गई है। कमजोर तिमाही आंकड़ों से वैल्यूएशन को लेकर निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।