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Anil Ambani: दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स से लेकर ‘फ्रॉड’ के आरोप में ED के छापे तक… जानिए धीरूभाई के छोटे बेटे की कहानी

Anil Ambani: हाल ही में ईडी ने यस बैंक लोन फ्रॉड केस से जुड़ी जांच के तहत अनिल अंबानी के परिसरों पर छापा मारा है। इससे कुछ दिन पहले एसबीआई ने अनिल अंबानी के खिलाफ एनसीएलटी में व्यक्तिगत दिवाला कार्रवाई शुरू की है।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Jul 25, 2025

Why ED raids on Anil Ambani
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हाल ही में ईडी ने अनिल अंबानी के परिसरों पर छापेमारी की है।

क्या आपको पता है कि अनिल अंबानी कभी दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स हुआ करते थे। यह एक ऐसा मुकाम है, जहां भारत के बड़े-बड़े दिग्गज भी नहीं पहुंच पाए। उन्हीं अनिल अंबानी की एसबीआई ने हाल ही में 'फ्रॉड' बताया था और ईडी ने उनके घर पर छापेमारी की। समय कुछ इस तरह करवट लेगा किसी ने सोचा नहीं था। वह साल 2008 का समय था, जब अनिल अंबानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में छठे नंबर पर थे। लेकिन एक के बाद एक उन्हें झटके लगते गए और उन्हें फिर से उठ खड़े होने का समय ही नहीं मिला। अमेरिका के व्हार्टन स्कूल से एमबीए कर चुके अनिल अंबानी चर्चित उद्योगपति धीरूभाई अंबानी के छोटे बेटे हैं। अनिल अंबानी ने बॉलीवुड अभिनेत्री टीना मुनीम से शादी की थी और वे दो साल तक राज्यसभा सदस्य भी रहे थे।

ED ने क्यों मारा अनिल अंबानी के घर पर छापा?

ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी विशेष रूप से रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप ऑफ एसोसिएट्स (RAAGA) के खिलाफ थी। यह एक्शन हाई-प्रोफाइल यस बैंक लोन फ्रॉड केस से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग इन्वेस्टिगेशन का हिस्सा था। यह करीब 3000 करोड़ रुपये के फ्रॉड का मामला है, जो 2017 से 2019 के बीच हुआ था। ईडी ने कई नियामकों से प्राप्त खुफिया इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की है।

SBI ने बताया 'फ्रॉड'

हाल ही में 13 जून को एसबीआई ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और इसके प्रमोटर अनिल अंबानी को आरबीआई के फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट गाइडलाइंस के तहत 'फ्रॉड' बताया है। एसबीआई ने सीबीआई में भी शिकायत की है। आरकॉम पर दिवालिया प्रक्रिया चल रही है। वहीं, एसबीआई ने अनिल अंबानी के खिलाफ एनसीएलटी में व्यक्तिगत दिवाला कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

मुकेश और अनिल अंबानी कैसे हुए अलग?

धीरूभाई अंबानी को साल 1986 में दिल का दौरा पड़ा था। उसके बाद अनिल अंबनी ने अपने पिता की देखरेख में रिलायंस के फाइनेंशियल मामलों को संभाला था। जब साल 2002 में धीरूभाई की मृत्यु हुई, तो मुकेश और अनिल दोनों भाइयों ने साथ मिलकर ग्रुप का कामकाज देखा। हालांकि, कुछ समय बाद ही दोनों के बीच कंपनियों पर कंट्रोल को लेकर विवाद स्टार्ट हो गया। आखिरकार दोनों भाइयों को कारोबार आपस में बांटना पड़ा। मुकेश अंबानी को ग्रुप का प्रमुख कारोबार ऑयल और पेट्रो केमिकल मिला। वहीं, अनिल अंबानी ने टेलीकॉम, पावर और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे कारोबार अपने हाथ में लिये। दोनों भाइयों के बीच बंटवारा होने के बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ। मुकेश अंबानी की कंपनी से अनिल अंबानी के पावर प्लांट को गैस सप्लाई को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। मुकेश अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट में यह मामला जीत लिया था।

जब मुकेश अंबानी टेलीकॉम बिजनेस में आए…

इसके बाद अनिल अंबानी ने इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस और एंटरटेनमेंट बिजनेसेस के विस्तार के लिए लोन लिया। दोनों भाइयों के बीच नॉन-कंपीट क्लॉज था। इसके चलते मुकेश अंबानी टेलीकॉम बिजनेस से दूर रहे। लेकिन साल 2010 में इस क्लॉज को खत्म कर दिया। इसके बाद मुकेश अंबानी ने तेजी से टेलीकॉम बिजनेस में विस्तार किया। उन्होंने अगले 7 साल 4 जी वायरलेस नेटवर्क बनाने के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये इन्वेस्ट किये। मुकेश अंबानी के टेलीकॉम बिजनेस में आ जाने से अनिल अंबानी की आरकॉम समेत कई कंपनियां कंपटीशन से ही बाहर हो गई।

अनिल अंबानी को लगे एक के बाद एक झटके

उधर अनिल अंबानी का एंटरटेनमेंट, पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस भी नहीं चल पाया। उन्होंने एंटरटेनमेंट बिजनेस में 2005 में एडलैब्स और 2008 में ड्रीमवर्क्स के साथ 1.2 अरब डॉलर की डील की थी। साल 2014 में अनिल अंबानी की पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों पर भारी कर्ज हो गया था। कर्ज कम करने के लिए अनिल अंबानी को बिग सिनेमा, रिलायंस बिग ब्रॉडकास्टिंग और बिग मैजिक जैसी कंपनियां बेचनी पड़ीं। किसी समय देश में दूरसंचार क्रांति की शुरुआत करने वाली रिलायंस कम्यूनिकेशन को दिवालिया प्रक्रिया के लिए जाना पड़ा। डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग में भी अनिल अंबानी को कुछ खास सक्सेस नहीं मिली। वहीं, रिलायंस कैपिटल ने 24,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड के मामले में चूक करने के बाद 2021 में दिवाला कार्यवाही के लिए आवेदन किया।

जब मुकेश अंबानी ने की भाई की मदद

एक समय अनिल अंबानी के जेल जाने की नौबत आ सकती थी। आरकॉम के एरिक्सन एबी की भारतीय यूनिट को 550 करोड़ रुपये का पेमेंट करने में फेल होने पर सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी को जेल में डालने के लिए कह दिया था। उस समय मुकेश अंबानी ने भाई की हेल्प की थी।