कारोबार

Investment : शॉर्ट टर्म निवेश के लिए सेविंग अकाउंट-एफडी या लिक्विड फंड में कौन सबसे ज्यादा बेहतर?

Best Return on Investment: लिक्विड फंड्स ने पिछले एक साल में 7% से अधिक रिटर्न दिया जबकि सरकारी बैंकों के एक साल के एफडी में 6.8 और बचत खाता पर 3 से 4 ब्याज मिला।

2 min read
Mar 07, 2025
Guaranteed income के चक्कर में पड़कर बहुत से लोग लुट चुके हैं। Patrika

Short term Investment: शेयर बाजार (Share Market) में जारी भारी उतार-चढ़ाव से भले ही इक्विटी कैटेगरी में आने वाले फंड्स का रिटर्न बिगड़ रहा है लेकिन डेट फंड कैटेगरी में आने वाले लिक्विड फंड्स का रिटर्न (Liquid Funds Return) बेहतर हो रहा है। सेविंग अकाउंट (Saving Account) जैसी इस स्कीम ने निवेशकों को बैंक एफडी (FD) जैसा रिटर्न दिया है। एम्फी के मुताबिक, लिक्विड फंडों ने पिछले एक साल में सरकारी बैंकों के एफडी तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया है। इसी अवधि में ज्यादातर सरकारी बैंकों के एफडी पर 7 फीसदी से कम ब्याज मिला है। एसबीआइ, पीएनबी, यूनियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया एक साल की एफडी पर 6.8% ब्याज ऑफर कर रहे हैं। वहीं लिक्विड फंड की किसी भी स्कीम ने एक साल में 6% से कम रिटर्न नहीं दिया है। टॉप-10 लिक्विड फंड ने निवेशकों को 7% से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

टॉप लिक्विड फंड्सस्कीम रिटर्न

एडलवाइस लिक्विड फंड 7.44%
आदित्य बिरला लिक्विड फंड 7.42%
एक्सिस लिक्विड फंड 7.41%
डीएसपी लिक्विड फंड 7.40%
महिंद्रा मैनुलाइफ लिक्विड 7.40%

लिक्विड फंड क्या है?

लिक्विड म्यूचुअल फंड्स कमर्शियल पेपर, सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक), ट्रेजरी बिल्स जैसी फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है, जिनकी परिपक्वता अवधि अधिकतम 91 दिन यानी 3 महीने होती है। इन फंड्स का नेट एसेट वैल्यू पूरे 365 दिन के लिए कैलकुलेट किया जाता है और निवेशक 24 घंटे के भीतर फंड से अपना पैसा निकाल सकते हैं। लिक्विड फंड में किसी भी तरह का एंट्री और एग्जिट लोड (अतिरिक्त शुल्क) नहीं होता है। यह फंड डेट फंड कैटेगरी में सबसे कम ब्याज दर जोखिम वाले फंड्स में आता है। लिक्विड फंड का मुख्य उद्देश्य पूंजी की सुरक्षा और तरलता बनाए रखना है।

कहां निवेश बेहतर?

अगर सुरक्षा और तुरंत निकासी की बात करें तो सेविंग बैंक अकाउंट एक अच्छा विकल्प है। लेकिन जब बात बेहतर रिटर्न की आती है, तो लिक्विड फंड ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर ए के निगम का कहना है कि इन दोनों में कौन ज्यादा फायदेमंद है? इसका जवाब तीन मुख्य पहलुओं पर निर्भर करता है…

  1. ब्याज दर

सेविंग अकाउंट: सालाना ब्याज दर 2.7% से 4% तक है, जबकि कुछ बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 6% तक का ब्याज भी देते हैं।

लिक्विड फंड: इनका रिटर्न आमतौर पर 6% से 7% के बीच होता है, जो बाजार की स्थिति और फंड मैनेजर की रणनीति पर निर्भर करता है।
विजेता: लिक्विड फंड, क्योंकि ये आमतौर पर सेविंग अकाउंट की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं।

  1. टैक्सेशन

सेविंग अकाउंट : ब्याज पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। हालांकि, 10,000 रुपए तक का ब्याज टैक्स फ्री है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा सालाना 50,000 रुपए है।

लिक्विड फंड: यहां कमाई को कैपिटल गेन टैक्स के रूप में देखा जाता है। अगर निवेश 3 साल से कम है, तो टैक्स स्लैब के अनुसार लगेगा। अगर निवेश 3 साल से ज्यादा का है, तो टैक्स 20% लगेगा।

विजेता : अगर ब्याज आय 10,000 से कम है तो सेविंग अकाउंट बेहतर विकल्प है। उच्च आय वाले निवेशकों के लिए लिक्विड फंड अधिक टैक्स-एफिशिएंट हैं।

  1. जोखिम

सेविंग अकाउंट : आपका पैसा सुरक्षित रहता है, लेकिन अगर बैंक को वित्तीय संकट का सामना करना पड़े, तो थोड़ा जोखिम हो सकता है। हालांकि, 5 लाख रुपए तक की जमा राशि बीमित होती है।

लिक्विड फंड : ये बाजार से जुड़े होते हैं, यानी आपके निवेश का मूल्य थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है। लेकिन ये सबसे सुरक्षित म्युचुअल फंड्स (Mutual Funds) माने जाते हैं, क्योंकि ये मुख्य रूप से शॉर्ट-टर्म सरकारी और कॉरपोरेट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं।

Updated on:
07 Mar 2025 02:10 pm
Published on:
07 Mar 2025 08:08 am
Also Read
View All

अगली खबर