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इंश्योरेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव! भारत आएंगी विदेशी कंपनियां, जानें आम आदमी फायदे की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार के तहत बीमा कंपनियों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

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इंश्योरेंस सेक्टर में बड़ा बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में बीमा क्षेत्र के इतिहास का सबसे बड़ा सुधार पास हो गया। अब बीमा कंपनियों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति मिल जाएगी। अभी तक यह सीमा 74 प्रतिशत थी। इस फैसले से दुनिया की शीर्ष ग्लोबल इंश्योरेंस कंपनियां भारत में अपनी पूरी तरह स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां (subsidiary) स्थापित कर सकेंगी।

बजट घोषणा पर लगी मुहर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2025 में बजट भाषण के दौरान इस प्रस्ताव का ऐलान किया था। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2025 को मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जा सकता है। यह विधेयक लोकसभा के बुलेटिन में पहले से लिस्टेड है। सत्र 19 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए सरकार इसे जल्द पास कराना चाहती है।

आम आदमी को क्या मिलेगा फायदा?

  • कम प्रीमियम वाली नई पॉलिसियां
  • बेहतर क्लेम सेटलमेंट और तेज सेवाएं
  • विदेशी तकनीक के साथ नए इनोवेटिव प्रोडक्ट (जैसे साइबर इंश्योरेंस, पैरामेट्रिक इंश्योरेंस)
  • ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा की पहुंच का विस्तार
  • रोजगार के हजारों नए अवसर

ये बड़े बदलाव होंगे

  • बीमा अधिनियम 1938, एलआईसी अधिनियम 1956 और IRDAI अधिनियम 1999 में व्यापक संशोधन
  • न्यूनतम पूंजी आवश्यकता घटेगी, नए खिलाड़ी आसानी से बाजार में प्रवेश कर सकेंगे
  • एक ही कंपनी को जीवन, सामान्य और स्वास्थ्य बीमा बेचने की अनुमति (कंपोजिट लाइसेंस)
  • एलआईसी को नई शाखाएं खोलने और स्टाफ भर्ती करने में अधिक स्वायत्तता मिलेगी

2047 तक सभी के लिए बीमा

सरकार का दावा है कि ये सुधार बीमा क्षेत्र की कार्यक्षमता बढ़ाएंगे, व्यापार को आसान बनाएंगे और 2047 तक हर भारतीय तक बीमा पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 5–7 वर्षों में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बीमा बाजार बन सकता है। अब दुनिया की नजर इस बात पर है कि Allianz, Prudential, Axa, MetLife जैसी दिग्गज कंपनियां भारत में अपनी 100% स्वामित्व वाली इकाइयां कब शुरू करती हैं। आम भारतीयों के लिए इसका सीधा मतलब है-ज्यादा विकल्प, कम प्रीमियम और बेहतर सुरक्षा।