Suraksha Diagnostic IPO: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के अनुसार, 29 नवंबर को खुले सुरक्षा डायग्नोस्टिक लिमिटेड IPO को पहले दिन केवल 11% सब्सक्रिप्शन मिला। कंपनी का यह आईपीओ 3 दिसंबर को बंद होगा।
Suraksha Diagnostic IPO: सुरक्षा डायग्नोस्टिक लिमिटेड के इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को शुक्रवार को शेयर बिक्री के पहले दिन निवेशकों से अपेक्षाकृत कमजोर प्रतिक्रिया मिली है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के अनुसार, 29 नवंबर को खुले इस IPO को पहले दिन केवल 11% सब्सक्रिप्शन मिला। कंपनी का यह आईपीओ 3 दिसंबर को बंद होगा।
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कंपनी ने कुल 1,34,32,533 शेयरों की पेशकश की थी, जिनमें से केवल 14,58,872 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (RII) ने इस IPO के तहत 20% सब्सक्रिप्शन दर्ज किया, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) का हिस्सा मात्र 4% भरा गया। कंपनी ने ₹420-₹441 प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है, जिससे इसे कुल ₹846 करोड़ जुटाने की उम्मीद है।
IPO के लॉन्च से पहले, सुरक्षा डायग्नोस्टिक (Suraksha Diagnostic IPO) ने एंकर निवेशकों से ₹254 करोड़ जुटाए। कंपनी ने 57.57 लाख इक्विटी शेयर 441 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 16 एंकर निवेशकों को आवंटित किए। प्रमुख एंकर निवेशकों में निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड, कोटक म्यूचुअल फंड, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ, क्वांट एमएफ और कार्नेलियन भारत अमृतकाल फंड शामिल हैं।
सुरक्षा डायग्नोस्टिक (Suraksha Diagnostic IPO) का यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है। इसमें प्रमोटर और मौजूदा निवेशक अपने शेयर बेच रहे हैं। प्रमोटरों में सोमनाथ चटर्जी, रितु मित्तल और सतीश कुमार वर्मा शामिल हैं, जबकि निवेशकों में ऑर्बिमेड एशिया II मॉरीशस लिमिटेड, मुन्ना लाल केजरीवाल और संतोष कुमार केजरीवाल हिस्सा बेच रहे हैं। कुल 1,91,89,330 शेयर बिक्री के लिए रखे गए हैं।
कोलकाता स्थित सुरक्षा डायग्नोस्टिक लिमिटेड (Suraksha Diagnostic IPO) पूर्वी भारत में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिए जानी जाती है। यह कंपनी एडवांस्ड पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी और अन्य डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करती है। इसके पास अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की टीम है। हालांकि, कंपनी की बाजार में मौजूदगी प्रमुख रूप से पूर्वी क्षेत्र तक सीमित है। निवेशकों ने IPO को लेकर सतर्कता दिखाई है, जिसका मुख्य कारण इसकी सीमित भौगोलिक पहुंच और प्रतिस्पर्धी डायग्नोस्टिक उद्योग में मौजूद दबाव हो सकता है।
डायग्नोस्टिक सेक्टर में सुरक्षा की प्रमुख प्रतिस्पर्धा डॉ. लाल पैथलैब्स और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर जैसी कंपनियों से है। इन कंपनियों ने अपने मजबूत नेटवर्क और ब्रांड वैल्यू के कारण निवेशकों का विश्वास जीता है। हालांकि, पूर्वी भारत में सुरक्षा की पकड़ मजबूत है और यह वहां की अग्रणी डायग्नोस्टिक कंपनी मानी जाती है। कंपनी का दावा है कि उसके पास उन्नत तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं हैं, जो इसे प्रतिस्पर्धा में बनाए रख सकती हैं।
इस IPO में निवेश (Suraksha Diagnostic IPO) करने से पहले निवेशकों को कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, भौगोलिक विस्तार की संभावनाओं और उद्योग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा पर गौर करना चाहिए। साथ ही, यह ध्यान रखना चाहिए कि केवल OFS आधारित IPO में प्रमोटरों की हिस्सेदारी घटाने का उद्देश्य हो सकता है, न कि व्यवसाय के विस्तार के लिए धन जुटाने का।