Highest Return Mutual Funds: मिडकैप फंड वे होते हैं, जो मुख्य रूप से मिडकैप वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। यहां स्मॉल कैप फंड्स की तुलना में जोखिम कम होता है।
Top Midcap Mutual Funds: भारत में बड़ी संख्या में लोग म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं। पंजाब नेशनल बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मई 2025 तक म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर अकाउंट्स की संख्या बढ़कर 23.83 करोड़ हो गई थी। यह संख्या 31 मई 2020 को सिर्फ 9.10 करोड़ थी। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 साल से हर महीने औसतन 24.55 लाख नए अकाउंट्स खुल रहे हैं। आज हम आपको ऐसे 4 मिडकैप फंड्स के बारे में बताएंगे, जिन्होंने पिछले 5 साल में 30 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। आइए विस्तार से जानते हैं।
म्यूचुअल फंड में एक कैटेगरी है इक्विटी फंड। यहां सबसे अधिक जोखिम होता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में सबसे ज्यादा रिटर्न मिलता है। ये फंड मुख्य रूप से शेयरों में निवेश करते हैं। इक्विटी फंड भी कई प्रकार के होते हैं। जैसे- लार्ज कैप, मिड-कैप, स्मॉल कैप, मल्टी कैप, सेक्टर-स्पेसिफिक और ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम। मिड कैप फंड, मिड कैप कंपनियों के शेयरों में इन्वेस्ट करते हैं। ये फंड आमतौर पर 2 बिलियन डॉलर से 10 बिलियन डॉलर मार्केट कैप वाली कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाते हैं।
मिड कैप फंड्स में लॉर्ज कैप फंड्स की तुलना में अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। इनमें स्मॉल कैप फंड की तुलना में कम रिस्क और कम अस्थिरता रहती है। ये फंड ऐसी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाते हैं जिनका अच्छा-खासा बिजनेस होता है। ये फंड्स निवेशकों को ग्रोथ और रिस्क का एक परफेक्ट बैलेंस देते हैं।
पिछले 5 साल में मिड कैप फंड्स ने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। कई फंड्स ने तो 30 फीसदी से ऊपर का सालाना रिटर्न भी दिया है। पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न मोतीलाल ओसवाल मिडकैप फंड ने दिया है। इसके डायरेक्ट प्लान ने 5 साल में 37 फीसदी औसत सालाना रिटर्न दिया है। इसके अलावा, एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, एसबीआई म्यूचुअल फंड, निप्पॉन इंडिया और आईसीआईसीआई प्रू के कुछ मिड कैप फंड ने भी सालाना 30 फीसदी से ऊपर रिटर्न दिया है।
यह फंड 24 फरवरी 2014 को लॉन्च हुआ था। इसके पास 33,053 करोड़ रुपये का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) है। इस फंड का एक्सपेंस रेश्यो (डायरेक्ट) 0.68% फीसदी है। वहीं, रिस्क लेवल 'वेरी हाई' है। एग्जिट लोड की बात करें, तो यह 1 साल से पहले 1% है। मोतीलाल ओसवाल मिडकैप फंड ने 5 साल में 37.62% औसत सालाना रिटर्न दिया है।
| फंड | पिछले 5 साल काऔसत सालाना रिटर्न |
| मोतीलाल ओसवाल मिडकैप फंड | 37.62% |
| एचडीएफसी मिड कैप फंड | 33.62% |
| निप्पोन इंडिया ग्रोथ मिड कैप फंड | 33.73% |
| कोटक मिड कैप फंड | 32.06% |
यह फंड 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुआ था। इसके पास 84,000 करोड़ रुपये का एयूएम है। एक्सपेंस रेश्यो (डायरेक्ट) 0.75% है। रिस्क लेवल 'वेरी हाई' है। इस फंड ने 5 साल में 33.62 फीसदी औसत सालाना रिटर्न दिया है।
यह फंड 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुआ था। इसके पास 39,066 करोड़ रुपये का एयूएम है। एक्सपेंस रेश्यो (डायरेक्ट) 0.71 फीसदी है। रिस्क लेवल 'वेरी हाई' है। 1 महीने से पहले रिडीम करने पर एग्जिट लोड 1 फीसदी है। पिछले 5 साल में इस फंड ने 33.73% का औसत सालाना रिटर्न दिया है।
यह फंड 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुआ था। इसका एयूएम 57,102 करोड़ रुपये है। एक्सपेंस रेश्यो (डायरेक्ट) 0.38 फीसदी है। रिस्क लेवल 'वेरी हाई' है। एग्जिट लोड 1 साल से पहले 1 फीसदी है। इस फंड ने पिछले 5 साल में 32.06 फीसदी का औसत सालाना रिटर्न दिया है।
एक्सपेंस रेश्यो: फंड में एक्सपेंस रेश्यो जितना कम होगा, आपका टेक-होम रिटर्न उतना अधिक मिलेगा। यानी आपका पैसा कम कटेगा।
एग्जिट लोड: अगर आपको कम टाइम में ही अपना पैसा निकालना है, तो इसका ध्यान रखें। ज्यादा एग्जिट लोड होने पर आपका पैसा ज्यादा कट जाएगा।
फंड की उम्र और साइज: जो फंड पुराना हो और उसके पास एक बड़ा AUM हो, तो इसका मतलब है कि उसमें स्टेबिलिटी अधिक है।
टॉप होल्डिंग्स: इससे आप जान सकते हैं कि फंड किन सेक्टर्स के स्टॉक में इन्वेस्ट करता है।
(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी मात्र है। यह निवेश की सलाह नहीं है। म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिम भरा होता है। कहीं भी पैसा लगाने से पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श लें।)