कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कहा है कि दिसंबर 2024 तक क्लेम आवेदन में सुधार के लिए उसे वापस भेजने और रद्द करने की संयुक्त दर 21.59 फीसदी थी। इसमें त्रुटियों के सुधार के लिए कम से कम 7.82 फीसदी दावों को वापस भेजा गया है और अयोग्य मिले 13.77 फीसदी दावों को रद्द कर दिया गया। आवेदन रिजेक्ट होने पर आवेदक को काफी धक्का लगता है। असल में बहुत जरूरी होने पर ही सब्सक्राइबर ईपीएफ से पैसे निकालने का फैसला लेता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कहा है कि दिसंबर 2024 तक क्लेम आवेदन में सुधार के लिए उसे वापस
भेजने और रद्द करने की संयुक्त दर 21.59 फीसदी थी। इसमें त्रुटियों के सुधार के लिए कम से कम 7.82 फीसदी दावों को वापस भेजा गया है और अयोग्य मिले 13.77 फीसदी दावों को रद्द कर दिया गया। आवेदन रिजेक्ट होने पर आवेदक को काफी धक्का लगता है। असल में बहुत जरूरी होने पर ही सब्सक्राइबर ईपीएफ से पैसे निकालने का फैसला लेता है। ईपीएफओ ने कुछ बातें बताई हैं। अगर आवेदन करने से पहले आवेदक इन बातों का खयाल रखते हैं तो आवेदन के रद्द होने की आशंका काफी घट जाएगी।
दावे रद्द होने के कारण
निकासी अथवा ऋण के लिए अयोग्यता: संगठन ऐसे दावों को रद्द कर देता है, जो ईपीएफओ की ओर से उल्लेखित निकासी या ऋण के विशिष्ट मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं।
दिशानिर्देश का अनुपालन न होने पर: जरूरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने वाले दावे और आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करने पर दावों को अयोग्य माना जाता है।
क्लेम अटकने की वजह
दावे रद्द अथवा अटकने पर क्या करें…
कारण जानें: आमतौर पर ईपीएफओ स्टेटस अपडेट में दावों को रद्द करने और वापस करने के बारे में बताता है। निकासी के लिए कारण जानना महत्त्वपूर्ण होता है।
पात्रता सत्यापित करें: अगर आपके दावे को रद्द कर दिया जाता है तो यह सुनिश्चित करें कि आपने जिस काम के लिए आवेदन किया है, उसके मानदंडों को पूरा करते हैं। पेंशन या निकासी के लिए पात्रता पूरी होनी चाहिए।
कमियां ठीक करें: दावों में त्रुटियों या अधूरी जानकारी के बारे में बताते हैं। गलत विवरण, अधूरे दस्तावेज या जानकारी में विसंगतियां शामिल हो सकती हैं।
दोबारा क्लेम करें: मामले को सुलझाने के बाद आप ईपीएफओ सदस्य पोर्टल अथवा उमंग ऐप के जरिए दोबारा क्लेम कर सकते हैं। मगर यह सुनिश्चित कर लें कि आपने सभी जरूरी अपडेट और सुधार कर लिया है।
इसके लिए कर सकते हैं निकासी
इलाज (पैरा 68जे): ईपीएफ सदस्य खुद या परिवार के किसी सदस्य के इलाज के लिए ईपीएफ अकाउंट से अधिकतम एक लाख रुपए तक की निकासी कर सकते हैं।
शादी-पढ़ाई (पैरा 68के): कम से कम सात साल तक योगदान किया है तो शादी व बच्चों की 10वीं के बाद की पढ़ाई के लिए कुल योगदान प्लस ब्याज का 50त्न हिस्सा निकाल सकते हैं। ईपीएफ से निकासी पूरे सेवाकाल के दौरान तीन बार की जा सकती है।
घर की खरीद (पैरा 68बी): तीन साल से पीएफ में योगदान हो रहा है तो घर/फ्लैट/प्लॉट की खरीदारी या घर निर्माण के लिए 90त्न फंड निकाल सकते हैं। इस सुविधा को पूरे सेवाकाल में एक बार लिया जा सकता है।
लोन रिपेमेंट (पैरा 68बीबी): 10 साल तक पीएफ में योगदान किया है तो होम लोन के रिपेमेंट के लिए अधिकतम 36 महीने की सैलरी (बेसिक+डीए) की निकासी कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल सिर्फ एक ही बार किया जा सकता है।
-जगमोहन शर्मा