Ponmudi Tamilnadu
चेन्नई. तमिलनाडु के वन मंत्री के. पोन्मुडी और उनके दो बेटे- कल्लकुरिची से लोकसभा सांसद गौतम सिगमणि और तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिगमणि अवैध लाल रेत उत्खनन मामले में बुधवार को एक विशेष अदालत में सीबीआइ मामलों के अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश एस. एझिल वेलावन के समक्ष पेश हुए। कार्यवाही के दौरान पोन्मुडी ने सीआरपीसी की धारा 205 के तहत एक याचिका दायर की, जिसमें मंत्री और डीएमके के उप महासचिव के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए अदालत में आगे व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट मांगी गई। न्यायाधीश ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें विशेष लोक अभियोजक एन. रमेश ने ईडी की ओर से नोटिस लिया।
2012 में डीवीएसी ने पोन्मुडी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी
यह मामला 2012 का है, जब सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने पोन्मुडी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, जिसमें उनपर विल्लुपुरम में अवैध लाल रेत उत्खनन में मदद करने का आरोप लगाया गया था। आरोपों में कहा गया था कि 13 फरवरी, 2007 और 15 मई, 2007 के बीच, खान और खनिज मंत्री के रूप में कार्य करते हुए, पोन्मुडी ने अपने बेटे, परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों को उचित प्राधिकरण के बिना लाल रेत खदानों का दोहन करने में मदद की। इससे कथित तौर पर तमिलनाडु राज्य के खजाने को 28.36 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।