आरती समाप्त होने के बाद अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। कुछ श्रद्धालु बारिश से बचने के लिए टेंट के नीचे इकठ्ठा हो गए। तभी बारिश का पानी टेंट के ऊपर जमा हो गया और वह अचानक नीचे गिर पड़ा। टेंट के साथ लोहे का पाइप एंगल गिरा।
गुरुवार सुबह बागेश्वर धाम में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब आरती के कुछ ही देर बाद अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। इसी बीच पानी भरने से पुराना टेंट गिर गया। हादसे में 11 श्रद्धालु चपेट में आए। जिसमें श्रद्धालु श्यामलाल कौशल (50) की मौत हो गई, जबकि दो श्रद्धालु घायल हो गए जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा आठ श्रद्धालु मामूली रूप से जख्मी हुए हैं।
सुबह करीब 7:30 बजे आरती समाप्त होने के बाद अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। कुछ श्रद्धालु बारिश से बचने के लिए टेंट के नीचे इकठ्ठा हो गए। तभी बारिश का पानी टेंट के ऊपर जमा हो गया और वह अचानक नीचे गिर पड़ा। टेंट के साथ लोहे का पाइप एंगल गिरा। लोहे का एंगल सीधे श्यामलाल कौशल के सिर पर गिरा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक के दामाद राजेश कुमार कौशल ने बताया कि उनका परिवार गोंडा जिले के मनकापुर गांव का निवासी है और उनके ससुर की ससुराल बस्ती जिले के चौरी गांव में है। वे लोग अयोध्या से बुधवार रात ही दर्शन के लिए बागेश्वर धाम पहुंचे थे। शुक्रवार को धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री का जन्मदिवस है, उसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वे आए थे।
मृतक के साथ आए पड़ोसी आर्यन कमलापुरी ने बताया हम पुराने दरबार के पास खड़े थे। बारिश तेज थी, इसलिए पुराने टेंट के नीचे आ गए। ऊपर पानी भर गया था। अचानक लोहे का एंगल व टेंट गिर गया और करीब 11 लोग दब गए थे।
हादसे में घायल हुए नेहा खटीक (भालवाड़ा, राजस्थान) और रामदयाल (खुशीनगर, उत्तर प्रदेश) को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. नरेश त्रिपाठी ने बताया कि एक मृतक को अस्पताल लाया गया था। दो अन्य घायलों का इलाज किया गया, जिनमें एक का सिटी स्कैन किया गया है, दोनों की हालत अब स्थिर है।
बमीठा थाना प्रभारी आशुतोष श्रोत्रिय ने बताया, बारिश के चलते टेंट गिरा है, हम मामले की जांच कर रहे हैं। वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने पुष्टि की कि तीन घायलों को अस्पताल लाया गया था, जिनमें से एक को मृत अवस्था में लाया गया।
घटना के बाद टेंट को मौके से हटा दिया गया और पुलिस बल तैनात कर वहां आवाजाही रोक दी गई। यह हादसा एक बार फिर आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु जब किसी स्थल पर एकत्रित होते हैं, तब अस्थायी व्यवस्थाओं की मजबूती और सतर्कता सर्वोपरि होनी चाहिए। यह घटना चेतावनी है कि धार्मिक आयोजनों में भी आपदा प्रबंधन और सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देना समय की आवश्यकता है।
घटना पर शोक जताते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा बारिश में कहीं बिजली गिर जाती है। कहीं कोई प्राकृतिक आपदा हो जाती है, तो उस पर किसी का बस नहीं है। टीन शेड या पंडाल नहीं गिरा है। पुराने दरबार हाल के पास लगे व छोटे टेंट में पानी भरने के बाद ऊपर का लोहे का पाइप गिरा है। बारिश से छिपने कुछ श्रद्धालु वहां जमा थे। जिसमें से एक को ज्यादा चोट लगी, जिन्होंने देह त्याग दी। किसी के सिर, किसी के कान में चोट लगी। बागेश्वर परिवार के सदस्य के देह त्यागने पर हमें दुख है। इसलिए धाम पर आज और कल के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित किए गए हैं।