छतरपुर

छतरपुर के बाद अब पूरे जिले में संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर लागू, छह तहसीलों में शुरू हुई नई व्यवस्था

इसका लाभ छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर, नौगांव, बिजावर और बकस्वाहा कार्यालय से रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को मिलने लगेगा। संपदा 1 यानी वर्तमान रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गई है। हालांकि अभी एक महीने तक दोनों सिस्टम की सुविधा दी जा रही है, ताकि कर्मचारी व लोग अभ्यस्त हो जाएं।

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Aug 29, 2024
पंजीयन कार्यालय छतरपुर

छतरपुर. 15 अगस्त से जिले में संपदा साफ्टवेयर 2 लागू हो चुका है। अब इसका लाभ छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर, नौगांव, बिजावर और बकस्वाहा कार्यालय से रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को मिलने लगेगा। संपदा 1 यानी वर्तमान रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गई है। हालांकि अभी एक महीने तक दोनों सिस्टम की सुविधा दी जा रही है, ताकि कर्मचारी व लोग अभ्यस्त हो जाएं। अब नई व्यवस्था का लाभ जिले के लोगों को मिलने लगा है। नई व्यवस्था में रजिस्ट्री ऑफिस में उपस्थित होने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।

सर्विस प्रोवाइडर के यहां गवाही


जिले में संपदा-2 सॉफ्टवेयर के तहत रजिस्ट्री कराने की पूरी व्यवस्था बदल गई है। लोगों को उप पंजीयक कार्यालय नहीं जाना पड़ रहा है, न ही गवाह की जरूरत पड़ रही। सिर्फ सर्विस प्रोवाइडर के यहां ही गवाह लगेंगे। इसके लिए उप पंजीयक कार्यालय में संबंधित स्टाफ को ट्रेनिंग देकर ऑनलाइन रजिस्ट्री कैसे करना है इसके बारे में जानकारी दी गई है। इसके लागू होते ही आम लोगों को कई तरह के फायदे होंगे। संपत्ति की एक आईडी बन जाएगी। यह ई-केवाईसी के तहत होगा। इससे लोगों को समय भी बचेगा। अभी संपदा-1 के तहत रजिस्ट्री होती है।

रोजाना 150 से 200 रजिस्ट्री छतरपुर में


सर्विस प्रोवाइडर के यहां दो गवाह और वो ही पंजीयन कार्यालय में लगते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। जिला मुख्यालय पर प्रतिदिन 150 से 200 दस्तावेज रजिस्टर्ड किए जाते हैं। इससे पंजीयन विभाग को एक दिन में एक करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। संपदा-2 का नया सिस्टम लागू किए जाने के बाद लोगों को प्रॉपटी का दस्तावेज रजिस्टर्ड कराने में सुविधा होगी।

चार विभाग जुड़े नए सॉफ्टवेयर से


राजस्व विभाग से खसरा नंबर सहित अन्य जानकारी लिंक होंगी। ट्रेजरी ऑफिस से खातों के लेन-देन का रिकॉर्ड रहेगा । उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्ट्री कराने की व्यवस्था बदल गई है। सभी जगह एक-एक आईडी बनेगी। उस आईडी को संपदा दो के सॉफ्टवेयर में डालेंगे तो पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। अभी एक माह तक संपदा-2 और संपदा - 1 के तहत रजिस्ट्री होगी।

इनका कहना है


शासन से निर्देश प्राप्त होने के बाद स्टाफ को ट्रेनिंग -आईडी दी गई है। नया सॉफ्टवेयर है इसे एक्टिवेट करने में थोड़ा समय लगेगा। संपदा 2 में लोगों की संपत्ति आधार से लिंक होगी। जब रजिस्ट्री होगी तब संबंधित व्यक्ति के पास आधार वाले मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा। इस ओटीपी को बताते ही ई-साइन अपने आप हो जाएंगे। साथ ही यह साफ हो जाएगा कि जो प्रॉपर्टी मालिक हैं वही इसे कर रहा है।
डीसी बाथम, उपपंजीयक

Published on:
29 Aug 2024 10:29 am
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