छतरपुर. पर्यटन नगरी खजुराहो में स्थित अति प्राचीन बघराजन माता का प्रसिद्ध मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है। यह मंदिर खजुराहो के जटकरा मार्ग पर एयरपोर्ट की सीमा में स्थित है, जहां देवी बघराजन की प्रतिमा वैष्णो माता की पिंडियों जैसे स्वरूप में विराजित है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना सालभर बना रहता है, लेकिन चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़उमड़ पड़ती है।
नवरात्रि में यहां भक्तों की भारी उमड़ पड़ती है भीड़
छतरपुर. पर्यटन नगरी खजुराहो में स्थित अति प्राचीन बघराजन माता का प्रसिद्ध मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है। यह मंदिर खजुराहो के जटकरा मार्ग पर एयरपोर्ट की सीमा में स्थित है, जहां देवी बघराजन की प्रतिमा वैष्णो माता की पिंडियों जैसे स्वरूप में विराजित है। इस मंदिर में श्रद्धालुओं का आना-जाना सालभर बना रहता है, लेकिन चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़उमड़ पड़ती है।
इस समय मंदिर में उमड़ीभीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मंदिर पीठ के महंत पंडित रमेशचंद्र और पुजारी पं. श्रीराम रिक्षारिया के अनुसार इस मंदिर के संबंध में कई किवदंतियां प्रचलित हैं। मंदिर एयरपोर्ट रनवे के बीच में स्थित होने के बावजूद यह आज भी अपनी पुरानी स्थिति में बना हुआ है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इसे अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रयास किया था, लेकिन सभी प्रयास विफल हो गए। स्थानीय मान्यता के अनुसार माता की महिमा इतनी अधिक है कि जब भी इस मंदिर को हटाने के प्रयास हुए, जिम्मेदारों को अनिष्ट का सामना करना पड़ा, जिससे कोई भी इस जिम्मेदारी को लेने से कतराने लगा।
क्षेत्र भर में बघराजन माता को सिद्ध पीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है। दूर-दूर से देवी भक्त यहां मन्नतें लेकर आते हैं और उन्हें माता की कृपा प्राप्त होती है। इस प्रकार, चैत्र नवरात्रि में मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है, और बघराजन माता की पूजा से अनेक लोग आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।