बस संचालकों की मनमानी और ऑनलाइन बुकिंग पर बढ़ती अवैध वसूली ने यात्रियों की जेब पर भारी बोझ डाल दिया है। प्रशासन की लगातार ढिलाई के चलते बस ऑपरेटर अब भी ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म किराया वसूली में मनमानी कर रहे हैं।
छतरपुर में बस संचालकों की मनमानी और ऑनलाइन बुकिंग पर बढ़ती अवैध वसूली ने यात्रियों की जेब पर भारी बोझ डाल दिया है। प्रशासन की लगातार ढिलाई के चलते बस ऑपरेटर अब भी ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म किराया वसूली में मनमानी कर रहे हैं। कलेक्टर, एसपी और आरटीओ प्रशासनिक स्तर पर यात्रियों के लिए पर्याप्त निगरानी नहीं कर रहे हैं, जिससे यह स्थिति बनी हुई है।
इंदौर में पढ़ाई कर रहे बीएएलएलबी छात्र सव्यसांची को त्योहार पर अपने घर छतरपुर लौटना था। उन्होंने ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म रेड बस पर टिकट बुक करने का प्रयास किया। जांच में पता चला कि इंदौर-छतरपुर रूट पर बसों में एसी में 1996 और नॉन एसी में 700 रुपए वसूले जा रहे हैँ। दिल्ली में नौकरी करने वाली रमेश पटेल ने बताया दिल्ली-छतरपुर रूट पर एसी स्लीपर पर 3009 रुपए, 2296, 1599 रुपए और 1499 रुपए किराया लिया जा रहा है। कोटा छतरपुर रुट पर 2700 रुपए किराया वसूला जा रहा है। भोपाल में जॉब करने वाले रोहित खरे ने बताया भोपाल से छतरपुर के लिए साधारण बसों में 799 रुपए और एसी स्लीपर में 1000, 1100 और 1999 रुपए किराया लिया जा रहा है।
स्थानीय यात्रियों का कहना है कि प्रशासन की निगरानी न होने के कारण बस ऑपरेटरों ने ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से मनमानी करना शुरू कर दिया है। कलेक्टर, एसपी और आरटीओ को जनता की पीड़ा का कोई अहसास नहीं है। अगर कोई शिकायत करता है तो सिर्फ नोटिस तक सीमित रहती है, वास्तविक कार्रवाई नहीं होती। इस ढिलाई का लाभ बस ऑपरेटर उठा रहे हैं। छात्र और प्रवासी श्रमिक विशेष रूप से प्रभावित हैं। त्योहारों, परीक्षाओं और छुट्टियों के समय टिकटों के दोगुने और तीन गुना किराए के कारण यात्रा करना उनके लिए कठिन हो गया है।
ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म पर भी पर्याप्त निगरानी नहीं है। ऑपरेटर आसानी से टिकट की कीमत दोगुनी या उससे अधिक बढ़ा देते हैं। प्लेटफॉर्म की व्यवस्था यात्रियों की सुरक्षा और उचित किराए की गारंटी देने में विफल साबित हो रही है।
बसों में न केवल अधिक किराया वसूला जा रहा है। बल्कि दो लोगों की सीट या स्लीपर पर तीन से चार सवारी बैठा रहे है। जिससे यात्रा के दौरान बस यात्रियों की सुरक्षा पर संकट है। लेकिन न तो परिवहन विभाग, न पुलिस और न यातायात पुलिस कोई चेकिंग या कार्रवाई कर रही है।