Chhatarpur Flood: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बाढ़ के हालात हैं। लगातार और तेज बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं, बाँधों से पानी छोड़ा जा रहा है, जिला मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क कट चुका है, घरों में पानी घुसा है, 200 परिवार बाढ़ में फंसे हैं, लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी से रेस्क्यू जारी है... बाढ़ और बारिश के कारण स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है...
Chhatarpur Flood: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन ठप कर दिया है। छतरपुर शहर में 12.2 इंच और जिले में औसतन 6.6 इंच बारिश दर्ज हुई है। नदियां और नाले उफान पर हैं और कई बांध ओवरफ्लो कर रहे हैं। ओरछा थाना क्षेत्र के ढिलापुर गांव में कच्चा मकान ढहने से एक बेटी की मौत हो गई और मां घायल हो गई। हतना गांव में जानवर चराने गया युवक मलबे में दबकर जान गंवा बैठा। शहर में किशोर सागर तालाब के पास शिक्षा विभाग के सामने बसे घरों में पानी भर गया और कई गाड़ियां डूब गईं। मध्य प्रदेश के कई शहरों का यही हाल है। लगातार बारिश से बांधों के वॉटर लेवल लगातार बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने के बाद सुरक्षा के लिहाज से इनसे लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।
ओरछा थाना क्षेत्र के धामची गांव में उर्मिल नदी का जलस्तर बढ़ने से लगभग 200 परिवार फंसे हुए हैं। कई ग्रामीण छतों पर शरण लिए हुए हैं। नायब तहसीलदार रितु सिंघई की निगरानी में रेस्क्यू टीम तैनात की गई और उन्होंने बताया कि स्थिति सामान्य हो रही है।
एसडीएम अखिल राठौर ने बताया कि हमा गांव में 8 और कैडी में 6 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। रामपुर, नंदगाय, सलैया और सरानी गांव भी बाढ़ से प्रभावित हैं और वहां भी निगरानी जारी है।
सिंहपुर, बानसुजारा और कुटनी बांध के गेट खोल दिए गए हैं। उर्मिल, धसान और कुटनी नदियों में जलस्तर कई फीट बढ़ गया है। प्रशासन ने नदी किनारे जाने से बचने की अपील की है और चेतावनी जारी की है।
कलेक्टर पार्थ जैसवाल के निर्देश पर शुक्रवार को जिले के सभी शासकीय और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। कालापानी में पुलिया टूटने से पानी घरों में घुस गया, बिजली के खंभे गिरे और कलेक्टर बंगले के पास पेड़ गिरने से जाम लग गया। लगातार बारिश ने जिला जलमग्न कर दिया है और प्रशासन राहत व बचाव के कार्य में जुटा हुआ है।