Dhirendra Shastri on Pahalgam Terror Attack: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पहलगाम हमले पर कहा कि आतंकियों ने सिर्फ धर्म पूछा और गोली मार दी।
Dhirendra Shastri on Pahalgam Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। जिसमें उन्होंने कहा कि देश का इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता है। आतंकियों ने सिर्फ धर्म पूछा और गोली मार दी।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि हिंदुस्तान में ही हिंदू होना अगर घातक हो जाए तो इससे बड़ा कोई दुर्भाग्य नहीं होगा। पहलगाम में जो घटना हुई है। वह इस सदी की सबसे निंदनीय घटना है। उन्होंने न तो यह पूछा कि आप किस जाति के हो, ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो, वैश्य हो या सेवक हो। उन्होंने न ही एससी पूछा, न एसटी, ओबीसी पूछा न सवर्ण पूछा। उन्होंने तो यह भी नहीं पूछा कि तुम तमिल, मराठी, गुजराती या पंजाबी बोलते हो।
आगे उन्होंने कहा कि आखिर हम अब नहीं जागेंगे तो कब जागेंगे। कौन कहता है कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता है? जरा देख लो पहलगाम की घटना को। इस घटना ने हृदय को झकझोर दिया है। मन को तोड़ दिया है। इस घटना में फिर से विचार करने पर हम सभी को छोड़ देना चाहिए।
बागेश्वर बाबा ने कहा कि आतंकियों ने सिर्फ ये पूछा कि क्या तुम हिंदू हो और गोली मार दी। इससे दुर्भाग्य इस देश का कभी नहीं हो सकता है। हिंदुओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब हिंदुस्तान में हिंदू होने पर खतरे में है और वहां जहां पर तुम 80 फीसदी हो। ऐसा क्यों है? क्योंकि हमें लगता है कि हम बंटे हैं, इसलिए पहलगाम की वो 26 जिंदगियां, जिसमें किसी का भाई गया तो किसी का पिता गया। बच्चे बिलखते हुए दिखे। किसी का संसार बसने से पहले उजड़ गए। उनके ऊपर क्या बीत रही होगी। बालाजी के चरणों में प्रार्थना है कि हर पीड़ित परिवार को बल मिले, बालाजी की कृपा मिले। पूरा परिवार टूट चुका होगा।
बाबा ने कहा कि वैसे ईंट का जवाब तो पत्थर से देना चाहिए। ये तो तय है कि पाकिस्तान कभी नहीं सुधर सकता। हम अंत में हिंदुओं से यही कहेंगे कि अब नहीं जागे तो कभी नहीं जागेंगे। इसलिए हम सब को एकजुट होकर अपनी शक्ति बल को बढ़ाना पड़ेगा। शस्त्र और शास्त्र दोनों का संवर्धन और दोनों का संरक्षण करना पड़ेगा। हिंदुओं जागो।