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बेपटरी यातायात: महोबा-नौगांव रोड पर पार्किंग और अतिक्रमण ने चौड़ीकरण को किया बेअसर

करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई चौड़ी सडक़ें आज अवैध पार्किंग, अतिक्रमण और लापरवाह यातायात व्यवस्था की भेंट चढ़ चुकी हैं। हालात ऐसे हैं कि चौड़ीकरण का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो गया है।

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सडक़ पर वाहनों की पार्किंग

शहर की महोबा और नौगांव रोड को चौड़ा किए जाने के बाद उम्मीद थी कि यातायात सुगम होगा, जाम से राहत मिलेगी और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट नजर आ रही है। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई चौड़ी सडक़ें आज अवैध पार्किंग, अतिक्रमण और लापरवाह यातायात व्यवस्था की भेंट चढ़ चुकी हैं। हालात ऐसे हैं कि चौड़ीकरण का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो गया है।

इन दिनों घने कोहरे ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। रात के समय दृश्यता बेहद कम हो रही है और ऐसे में सडक़ों पर खड़ी बसें और ट्रक चलते वाहनों के लिए मौत का फंदा साबित हो रहे हैं। सावधानी हटी और दुर्घटना घटी—यह कहावत इन मार्गों पर हर पल सच होती दिख रही है।

चौड़ी सडक़, लेकिन दोनों लेन में बस-ट्रक

नौगांव रोड पर पीडब्ल्यूडी द्वारा बस स्टैंड से ट्रांसपोर्ट नगर तक सडक़ चौड़ी की गई, लेकिन इसके बावजूद अवैध कब्जे और भारी वाहनों की पार्किंग जस की तस बनी हुई है। दोनों लेन में बसों और ट्रकों का स्टॉपेज होने से सडक़ कई जगहों पर 15 से 20 फीट तक सिमट गई है। परिणामस्वरूप यहां रोजाना लंबा जाम लग रहा है और वाहन रेंगते नजर आते हैं। जानकारों के अनुसार भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जाने वाली रात्रिकालीन बसें वर्षों से सडक़ पर ही खड़ी की जा रही हैं। कोहरे के दौरान बिना इंडिकेटर खड़े ये वाहन किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।

फोरलेन हादसे के बाद भी नहीं जागे जिम्मेदार

चिंताजनक पहलू यह है कि आठ माह पहले फोरलेन पर किनारे खड़े ट्रैक्टर में कार घुसने से चार लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभागों ने कोई ठोस सबक नहीं लिया। अब वही स्थिति नौगांव और महोबा रोड पर दोहराई जा रही है, जहां चौड़ी सडक़ें फिर से हादसों का कारण बनती जा रही हैं।

महोबा रोड पर फिर बढ़ा अतिक्रमण

महोबा रोड पर चौड़ीकरण के दौरान नगर पालिका ने अतिक्रमण हटाकर सडक़ बनाई थी, लेकिन निर्माण पूरा होते ही दुकानदारों ने दोबारा सडक़ पर कब्जा जमा लिया। बस स्टैंड से गुरुद्वारा तक रोजाना जाम की स्थिति बनी रहती है। कई दुकानदारों ने सडक़ पर कार बाजार, निर्माण सामग्री और कबाड़ का कारोबार तक शुरू कर दिया है। नतीजा यह है कि यातायात लगातार बाधित रहता है और आमजन को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।

कार्रवाई केवल ठेला-हॉकर्स तक सीमित?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यातायात पुलिस की सक्रियता केवल छोटे ठेला-हॉकर्स हटाने तक सीमित रह गई है, जबकि भारी वाहनों की अवैध पार्किंग पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही। बस स्टैंड से ट्रांसपोर्ट नगर तक सडक़ पर खड़े ट्रक और बसें रोजाना दुर्घटना का खतरा बढ़ा रहे हैं।

कोहरे में बढ़ा खतरा

कोहरे के चलते रात में दृश्यता बेहद कम हो जाती है। ऐसे में सडक़ पर खड़े भारी वाहन अचानक सामने आने पर चालक संभल नहीं पाते और हादसे की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। शहरवासियों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो कोई बड़ा हादसा टालना मुश्किल होगा।

प्रशासन का दावा

इस संबंध में यातायात प्रभारी बृहस्पति साकेत का कहना है कि कोहरे के कारण रात में विजिबिलिटी कम हो रही है। सडक़ पर खड़े वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बसों के स्टॉपेज की समस्या को दूर करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर में पार्किंग निर्धारित की गई है।