छतरपुर

केन-बेतवा लिंक परियोजना में विस्थापन की प्रक्रिया धीमी, किसानों को अब तक 215 करोड़ का मुआवजा, बाकी मामलों में दो माह और लगेंगे

267 करोड़ रुपए की कुल स्वीकृत राशि में से अब तक 215 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया जा सका है। शेष 52 करोड़ रुपए का वितरण अभी लंबित है।

2 min read
Apr 27, 2025
केन बेतवा लिंक परियोजना

छतरपुर. मध्यप्रदेश की बहुप्रतीक्षित केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत 14 गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया फिलहाल धीमी गति से आगे बढ़ रही है। अब तक किसानों को केवल निजी कृषि भूमि के अधिग्रहण का ही मुआवजा मिला है। 267 करोड़ रुपए की कुल स्वीकृत राशि में से अब तक 215 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया जा सका है। शेष 52 करोड़ रुपए का वितरण अभी लंबित है। वहीं आवासीय संपत्तियों और पुनर्वास पैकेज का मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है, क्योंकि इन अवार्डों की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।

अभी दो माह लगेंगे पुनर्वास और आवास मुआवजा मिलने में

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार आवास मुआवजा और पुनर्वास पैकेज के लिए अब तक अवार्ड ही पारित नहीं हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि विस्थापितों को इस संबंध में मुआवजा मिलने में कम से कम दो माह का समय और लग सकता है।

बांध निर्माण के लिए 14 गांव होंगे विस्थापित

केन नदी पर निर्माणाधीन ढोडन बांध परियोजना के लिए जिन गांवों को विस्थापित किया जा रहा है, उनमें ढोढऩ, पलकौहां, खरियानी, भोरखुआं, सुकवाहा, मैनारी, कुपी, शाहपुरा, पाठापुर, नैगुवां, पाठापुरा, डुगरिया, कदवारा और ककरा शामिल हैं। इन गांवों की विस्थापन अधिसूचना 11 फरवरी 2022 को राजपत्र में प्रकाशित की गई थी, साथ ही पुनर्वासन एवं पुनव्र्यवस्था नीति भी निर्धारित कर दी गई थी।

तीन प्रकार का मुआवजा निर्धारित

विस्थापन नीति के तहत प्रभावितों को तीन किस्म का मुआवजा दिया जाना है। इनमें से अब तक केवल कृषि भूमि का मुआवजा वितरित हुआ है।

1. निजी कृषि भूमि का मुआवजा

2.आवास की कीमत के एवज में मुआवजा

3.पुनर्वास पैकेज (प्रति वयस्क 12.5 लाख रुपए)

9 गांवों के अवार्ड तैयार, शेष की प्रक्रिया जारी

एसडीएम बिजावर विजय द्विवेदी ने बताया कि 9 गांवों के अवार्ड तैयार हो चुके हैं और कलेक्टर द्वारा हस्ताक्षरित भी कर दिए गए हैं। शेष गांवों के लिए अवार्ड मई के अंत तक तैयार कर लिए जाएंगे। इसके बाद बैंक खातों की जानकारी लेकर मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

पुनर्वास पैकेज को लेकर ग्रामीणों में असंतोष

पुनर्वास पैकेज में प्रति व्यक्ति को 12.5 लाख रुपए देने का प्रावधान है। इसमें यदि कोई व्यक्ति भूखंड लेना चाहता है तो 5 लाख की कटौती कर दी जाएगी और शेष 7.5 लाख रुपए नकद दिए जाएंगे। अधिकांश लोग पूरी राशि नकद लेना चाहते हैं। इससे भी बड़ी समस्या यह है कि प्रशासन वर्ष 2022 की अधिसूचना के आधार पर वयस्कों की गणना कर मुआवजा तय कर रहा है, जबकि ग्रामीण 2025 के वर्तमान आंकड़ों के आधार पर पात्र वयस्कों की गणना की मांग कर रहे हैं। अभी तक किसी भी ग्रामीण को आवासीय संपत्तियों का मुआवजा नहीं मिल पाया है। भूमि पर बने कुओं और भवनों के नुकसान का आंकलन कृषि भूमि मुआवजे के साथ किया गया था, लेकिन आवास मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।

पत्रिका व्यू

केन-बेतवा परियोजना जहां एक ओर जल संकट समाधान और कृषि विस्तार के लिए एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है, वहीं दूसरी ओर प्रभावित ग्रामीणों के लिए विस्थापन की पीड़ा और अनिश्चितता भी लेकर आई है। मुआवजा वितरण में हो रही देरी ने ग्रामीणों की चिंता और असंतोष को बढ़ा दिया है। प्रशासन को चाहिए कि वह पारदर्शिता, तेजी और संवेदनशीलता के साथ इस कार्य को अंजाम दे, ताकि विकास के इस अभियान में किसी भी नागरिक के अधिकारों की अनदेखी न हो।

फोटो- सीएचपी260425-73- केन बेतवा लिंक परियोजना

Published on:
27 Apr 2025 10:13 am
Also Read
View All

अगली खबर