MP News: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा फैसला लिया है। अब वह वीआईपी और वीवीआईपी को मिलने के लिए अलग से समय देंगे।
MP News: इंटरनेशनल कथावाचक और बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बड़ा फैसला लेते हुए छतरपुर के गढ़ा गांव में स्थित बागेश्वर धाम में वीआईपी और वीवीआईपी मुलाकातें बंद करने का ऐलान किया है। धीरेंद्र शास्त्री अब केवल सच्चे श्रद्धालुओं को दर्शन और आशीर्वाद देंगे।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार को भक्तों से कहा कि हम कहेंगे धाम पर पूरे में बैनर चिपकाए जाए। हां वीआईपी वीवीआईपी प्रोटोकॉल अब मान्य नहीं होंगे। क्योंकि हनुमान जी ने जो हमको कृपा आशीर्वाद दिया है। वह एसी में बैठने वाले लोगों का पर्चा बनाने के लिए सिद्धि नहीं मिली है। उनका भला करने के लिए सिद्धि नहीं मिली है। आपके अंदर धैर्य हो, श्रद्धा हो तो समय लेकर आओ। सेवक और भक्त बनकर आओ। नहीं तो बहुत गुरु जी हैं उनके पास जाओ। क्योंकि हमारे गुरु जी ने हमको बहुत डांटा। बीच में हम बहुत बिगड़ गए थे। जी जी के चक्कर में ये फलाने जी, ये मुख्यमंत्री जी, ये फलाने जी, ढिकाने जी इस चक्कर में हम बहुत बिगड़ गए थे। लौट के बुद्धू घर को आए।
आगे धीरेंद्र शास्त्री ने बताया हमारे गुरु जी ने बहुत डांटा कि तुमको जी हजूरी करने के लिए शक्ति नहीं दी है। और उसी के लिए हमने नौ दिन प्रायश्चित भी किया। एक आसन पर बैठकर आठ आठ घंटे जप किया कि जो हमसे अपराध हुआ है उसको क्षमा करो गुरुदेव हमारे गुरु जी ने स्वप्न में आकर हमको बहुत डांटा तो आप हमको मजबूर भी ना करना क्योंकि हमने नवरात्रि की परमात्मा को जल लेकर के संकल्प कर दिया है। हां मिलेंगे इसका मतलब यह नहीं कि मिलेंगे नहीं मिलेंगे पर आपको समय लेकर आना पड़ेगा। हम अपने समय से मिलेंगे। आपके टाइम से नहीं मिलेंगे। क्योंकि बाकी का टाइम हम पंडाल में दीनहीन गरीबों को देंगे। दो घंटे में एक वीआईपी निपट पाता है। इतने में 20 गरीबों का भला हो जाएगा।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि रिसर्च सेंटर जिसकी आधारशिला देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों से रखी जा चुकी है। 100 करोड़ की लागत वाले 100 बेड के इस अस्पताल में गरीबों का होगा मुफ्त इलाज। यह बहुत बड़ा अवसर है। बहुत बड़ा काम है। संकल्प बड़ा हो। संतों के आशीर्वाद हो, प्रभु की कृपा हो तो समय सीमा में सब पूर्ण होता है। हमारे प्रियजनों बागेश्वर धाम पूरे भारत के लोगों अभी तक अस्पतालों में मंदिर थे। अब मंदिर में अस्पताल होगा। कैंसर हॉस्पिटल निर्माण हेतु सहयोग देकर पुण्य के भागी बने।