नगर पालिका द्वारा प्रस्तुत 2024-25 के वार्षिक बजट में शहर के विकास के लिए कई योजनाओं का प्रस्ताव किया गया था, लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है।
नगर पालिका द्वारा प्रस्तुत 2024-25 के वार्षिक बजट में शहर के विकास के लिए कई योजनाओं का प्रस्ताव किया गया था, लेकिन इन योजनाओं के क्रियान्वयन में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। 28 फरवरी 2024 को नगर पालिका परिषद के सामने प्रस्तुत किए गए इस बजट में कुल 519 करोड़ 91 लाख 55 हजार 534 रुपए का व्यय प्रस्तावित किया गया था। इस बजट के तहत विभिन्न विकास कार्यों के लिए धनराशि आवंटित की गई थी, लेकिन नगरपालिका इन कार्यों को समय पर शुरू करने में असफल रही है। करीब आधी राशि के काम नगरपालिका शुरू नहीं कर सकी है।
अमृत-2 योजना के तहत नगर पालिका को 252 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था, जिसमें जल आपूर्ति, सीवरेज और सैप्टेज प्रबंधन, तालाबों के संरक्षण और सौंदर्यीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल थे। लेकिन अफसोस की बात है कि नगर पालिका इस परियोजना पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। योजना के तहत जो कार्य किए जाने थे, जैसे शहर के तालाबों का सौंदर्यीकरण और जलापूर्ति की व्यवस्था में सुधार, वे दो सालों से लंबित हैं। इस योजना के तहत नगर पालिका को केवल 1 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है, जिसे डीपीआर तैयार करने और टेंडर प्रक्रिया में उपयोग किया जा रहा है। हालांकि अब प्रशासन से स्वीकृति मिलने के बाद, योजना के क्रियान्वयन की दिशा में कुछ कदम उठाए जा रहे हैं।
सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक थी, जिसमें शहर के प्रत्येक घर से निकलने वाले गंदे पानी को प्रभावी तरीके से निपटाने का प्रस्ताव था। इस परियोजना के तहत 324 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन डालने की योजना थी, जिसकी लागत लगभग 165 करोड़ रुपए अनुमानित थी। हालांकि, इस परियोजना का डीपीआर अब तक पूरी तरह से फाइनल नहीं हो पाया है। कई स्थानों पर ऊंची-नीची जमीन के कारण पाइपलाइन की लेवलिंग की समस्या सामने आई है, जिससे डीपीआर में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है। इस परियोजना के तहत शहर में तीन पंपिंग स्टेशन और तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स भी तैयार किए जाने थे, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है। तालाबों का सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार भी इस योजना का हिस्सा था, और इस संबंध में बीते दिसंबर में संकट मोचन और ग्वाल मंगरा तालाबों के सौंदर्यीकरण के टेंडर जारी किए गए थे। इन तालाबों के सौंदर्यीकरण के काम जल्द शुरू होने की संभावना है, लेकिन इन दोनों तालाबों के काम से शहर में दीर्घकालिक जल प्रबंधन के दृष्टिकोण से कोई बड़ा सुधार नहीं हो पाएगा।
दुकानों का आवंटन भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा था, जिस पर नगर पालिका ने पिछले साल ध्यान देने का दावा किया था। 2024-25 के बजट में दुकानों के आवंटन से 75 लाख रुपए की आय होने का अनुमान था, लेकिन नगर पालिका इस दिशा में भी कोई ठोस कार्य नहीं कर पाई। नगर पालिका के पास कई दुकानों का निर्माण किया गया है, लेकिन इन दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है। यह समस्या पिछले 10 वर्षों से बनी हुई है, और नगर पालिका को अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाना पड़ा है। हालांकि कुछ स्थानों पर नई दुकानों के निर्माण का कार्य चल रहा है, लेकिन आवंटन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
नगर पालिका द्वारा प्रस्तावित सडक़ निर्माण कार्यों और सार्वजनिक सुविधाओं के लिए भी कोई सार्थक काम नहीं हुआ है। सडक़ें मरम्मत के बिना जर्जर हो रही हैं, और सार्वजनिक स्थानों पर सुविधाओं की स्थिति भी बहुत खराब है। नगर पालिका ने पहले के बजट में इन कार्यों के लिए राशि आवंटित की थी, लेकिन इन कार्यों को समय पर पूरा नहीं किया जा सका। शहर की कॉलोनियों की सडक़ों पर गड्ढों और टूट-फूट के कारण लोग आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
नगर पालिका की अर्थव्यवस्था भी बेहद कमजोर है। आय के प्रमुख स्रोत जैसे नगरपालिका कर, जलकर, बिजली से प्राप्तियां आदि से प्राप्त होने वाली राशि का ठीक से उपयोग नहीं हो रहा है। हर साल नगरपालिका के द्वारा बनाए जाने वाले बजट में जो बड़े प्रोजेक्ट शामिल होते हैं, उनके लिए निर्धारित की गई राशि का उपयोग केवल 40-50 प्रतिशत ही हो पाता है। इससे नगर पालिका की वित्तीय स्थिति पर भी सवाल उठते हैं और शहर के विकास में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रोजेक्ट्स पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा, लेकिन यह तब तक संभव होगा जब तक नगर पालिका ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया। एक ओर जहां शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं, वहीं दूसरी ओर नगरपालिका के अधिकारी योजनाओं के संचालन में विफल रहे हैं। अब नगर पालिका को अपने अगले बजट में पिछली योजनाओं की समीक्षा करनी होगी और शहर के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
देवेंद्र धाकड़ एई नगर पालिका छतरपुर ने कहा "हमने योजनाओं के लिए स्वीकृत राशि का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है, और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही नगर पालिका के प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू होगा, ताकि शहर के लोग लाभ उठा सकें।"
प्रस्तावित व्यय- 519 करोड़ 91 लाख 55 हजार
अमृत परियोजना- 252 करोड़ का प्रस्ताव
अमृत परियोजना डीपीआर- 1 करोड़ रुपए
सीवर प्रोजेक्ट- 165 करोड़
सीवरेज प्लांट- 03