दोनों विभागों का अपना-अपना दृष्टिकोण है, और यह तय नहीं हो पा रहा है कि डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) किसका पहले स्वीकृत होगा, ताकि काम शुरू किया जा सके।
छतरपुर. जिला मुख्यालय पर प्रस्तावित अंतरराज्यीय बस स्टैंड (आईएसबीटी) के निर्माण का प्रोजेक्ट पिछले चार सालों से विभागीय विवाद और अनिर्णय के कारण अटका हुआ है। नगर पालिका परिषद की हाल की बैठक में 50 करोड़ रुपए के प्रावधान का जिक्र हुआ था, लेकिन यह प्रोजेक्ट अब भी हाउसिंग बोर्ड और नगर पालिका के बीच फंसा हुआ है। दोनों विभागों का अपना-अपना दृष्टिकोण है, और यह तय नहीं हो पा रहा है कि डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) किसका पहले स्वीकृत होगा, ताकि काम शुरू किया जा सके।
महोबा रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय के पीछे प्रस्तावित इस आईएसबीटी के निर्माण में अब तक कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है। कुछ दिन पहले कलेक्टर ने हाउसिंग बोर्ड को आईएसबीटी के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया था और इसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने डीपीआर तैयार कर लिया। लेकिन इस डीपीआर को स्वीकृति के लिए जिला समिति से मंजूरी मिलने का इंतजार है। इसके बाद इसे भोपाल भेजा जाएगा। डीपीआर की प्रक्रिया अब भी शुरुआती चरण में अटकी हुई है, और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इस प्रोजेक्ट को लेकर पिछले चार सालों से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच विवाद चला आ रहा है। पहले महोबा रोड के बजाय बगौता में आईएसबीटी बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बाद यह योजना बदल दी गई। अब महोबा रोड पर आईएसबीटी बनाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की नीरसता के कारण काम में कोई गति नहीं आई है।
नगर पालिका द्वारा भी इस प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर तैयार करने का काम करीब डेढ़ साल पहले पूरा किया गया था। कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा तैयार किए गए ब्लूप्रिंट, ड्राइंग और डिजाइन के बावजूद डीपीआर को स्वीकृति नहीं मिल पाई है। नगर पालिका अब डीपीआर में संशोधन करते हुए इसे भोपाल से मंजूरी लेने की तैयारी में है। नगर पालिका ने इस प्रोजेक्ट के लिए अपने बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, और निर्माण की लागत अब 85 करोड़ तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। एसडीओ, हाउसिंग बोर्ड, एमएल अहिरवार ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशन में डीपीआर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और अनुमोदन के बाद फाइल को भोपाल भेजा जाएगा।
आईएसबीटी के निर्माण को लेकर अब प्रशासन ने पुनर्धनत्वीकरण योजना के तहत इसे आकार दिया जा रहा है। इसके तहत केंद्रीय विद्यालय के पीछे की सरकारी जमीन पर आईएसबीटी का निर्माण किया जाना है। इस योजना के तहत जमीन पर पहले से किए गए अतिक्रमण को हटाया जाएगा और निर्माण कार्य के लिए साफ किया जाएगा। आईएसबीटी के लिए प्रस्तावित जमीन पर पहले से कई लोग अतिक्रमण कर चुके हैं। चार साल से यह भूमि खाली पड़ी थी, जिस कारण यहां पर कच्चे और पक्के मकान बना लिए गए थे। इस पर प्रशासन ने बताया कि आईएसबीटी के निर्माण के लिए कुल 18 अतिक्रमण हटाए जाएंगे, जिनमें कच्चे और पक्के मकान दोनों शामिल हैं। इसके लिए नगर पालिका को भी आदेश दिए गए हैं कि यह अतिक्रमण शीघ्र हटाए जाएं, ताकि परियोजना की शुरुआत की जा सके।
आईएसबीटी के निर्माण से छतरपुर के यात्रियों को एक बड़ी राहत मिलेगी। विशेष रूप से, छतरपुर से झांसी, महोबा, जबलपुर, भोपाल, बांदा, कानपुर, दिल्ली, ग्वालियर, और सतना जैसे प्रमुख शहरों के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह बस टर्मिनल अत्यंत सुविधाजनक होगा। केंद्रीय विद्यालय के पास होने के कारण यह स्थान यात्रियों की सुविधा के हिसाब से आदर्श है।