एआई आधारित रोबोट रेलवे पटरी पर क्रेक, जानवरों की मौजूदगी समेत अन्य खतरे भांपकर ट्रेन के इंजन में ड्राइवर के पास वीडियो भेजकर अलर्ट जारी करेगा।
छतरपुर. रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए उत्तर मध्य रेलवे (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस)एआई तकनीकि का इस्तेमाल करने जा रही है।इंजीनियर, गैंगमैन और इलेक्ट्रीशियन के रूप में रोबोट तैयार किए जा रहे हैं। एआई आधारित रोबोट रेलवे पटरी पर क्रेक, जानवरों की मौजूदगी समेत अन्य खतरे भांपकर ट्रेन के इंजन में ड्राइवर के पास वीडियो भेजकर अलर्ट जारी करेगा। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने आवारा जानवरों को ट्रेन से कटने से बचाने के लिए एआई माडल विकसित कर लिया है।
रोबोट में झांसी मंडल से गुजरने वाली 121 ट्रेन, तीन हजार किमी लंबी पटरी, इंजन, सिग्नल, एचई, 350 छोटे-बड़े ब्रिज व ट्रेन के आठ हजार से अधिक पहियों की एक-एक जानकारी फीड की जा रही है। रोबोट में मंडल से गुजरने वाली हर ट्रेन, तीन हजार किमी लंबी पटरी, इंजन, सिग्नल, एचई, 350 छोटे-बड़े ब्रिज व ट्रेन के आठ हजार से अधिक पहियों की एक-एक जानकारी फीड की जा रही है। साथ ही मंडल में लगाए जाने वाले सेंसर और ऑटोमेटिक सिग्नल का भी डाटा अपलोड किया जा रहा है। पूरे मंडल में कहीं भी रेलवे ट्रैक, इंजन, सिग्नल और ओएचई में आने वाली तकनीकी खामी के बारे में रोबोट अफसरों को पहले से अलर्ट दे देगा। इसके लिए मंडल में रोबोट को प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है।
इस नई तकनीक के माध्यम से ट्रेन ड्राइवर को पांच सौ मीटर पहले ही पता चल जाएगा कि रेल की पटरी या फिर उसके किनारे कोई जानवर है। रेल इंजन पर ट्रिगर अलार्म बजते ही स्क्रीन पर उसका वीडियो भी दिख जाएगा, इससे ड्राइवर अलर्ट हो जाएगा और रेल की पटरी पर कटने वाले जानवरों की जान भी बच जाएगी। ट्रेन ड्राइवर को यह तकनीक न सिर्फ वीडयो इंजन में दिखाएगी, बल्कि कोहरे में भी मददगार साबित होगी।
मंडल में एआई तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने जा रहे हैं। इससे रेल संरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकेगा। अभी मशीन लर्निंग और डाटा फीडिंग का काम किया जा रहा है। इसके बाद एआई तकनीक से पूरे रेलवे ट्रैक पर नजर रखी जाएगी।
हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, उत्तर मध्य रेलवे