खजुराहो के कन्वेंशन सेंटर परिसर में स्थापित की गई लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदम प्रतिमा और फैसिलिटी सेंटर में लगी महाराजा छत्रसाल की घोड़े पर सवार प्रतिमा का तीन साल से अनावरण नहीं हो सका है। इन प्रतिमाओं का अनावरण होने के इंतजार में इन्हें खुले आसमान के नीचे ढंककर रखा गया है।
छतरपुर. मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की लापरवाही के कारण खजुराहो के कन्वेंशन सेंटर परिसर में स्थापित की गई लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदम प्रतिमा और फैसिलिटी सेंटर में लगी महाराजा छत्रसाल की घोड़े पर सवार प्रतिमा का तीन साल से अनावरण नहीं हो सका है। इन प्रतिमाओं का अनावरण होने के इंतजार में इन्हें खुले आसमान के नीचे ढंककर रखा गया है। लगातार बारिश और तेज धूप के कारण इनकी हालत खराब हो रही है और इनकी चमक धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है।
यह प्रतिमाएं पर्यटन नगरी खजुराहो के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से बनाई गई थीं। इन प्रतिमाओं की कीमत लाखों रुपये है और इनका उद्देश्य भारत के महान महापुरुषों के योगदान को सम्मान देना था। लेकिन पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने तीन-चार सालों से इनकी स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया है। यहां तक कि खजुराहो में हुई विभिन्न सरकारी बैठकों और प्रदेश स्तरीय उच्च अधिकारियों की बैठकें भी इन प्रतिमाओं के अनावरण को लेकर नहीं की गईं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खजुराहो दौरे के दौरान प्रदेश प्रशासन ने खजुराहो में डेरा डाला था, लेकिन इन प्रतिमाओं के अनावरण की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
स्थानीय अधिकारी भी इस मामले में लापरवाह दिख रहे हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक एमएस राणा का कहना है, ये प्रतिमाएं लंबे समय से रखी हैं। यह मेरे स्तर का मामला नहीं है। प्रमुख सचिव और प्रबंध संचालक की जिम्मेदारी है, वे ही बताएंगे कि अनावरण कब होगा। यह स्थिति खजुराहो जैसे पर्यटन स्थल पर न केवल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि सरकारी योजनाओं में कितनी देरी हो रही है और किस प्रकार इनकी उचित देखरेख नहीं की जा रही।