वर्तमान में केवल 236 गांवों तक ही जल की सुविधा हो पाई है। 1599.16 करोड़ रूपए की योजनाएं शुरु करने के बाद भी जिले में पानी की समस्या कम नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी के अहम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन-हर घर नल योजना का हाल भी जिले के क्षेत्रों में बेहाल है। जिले के 1078 गांवों में पेयजल पहुंचना था, लेकिन वर्तमान में केवल 236 गांवों तक ही जल की सुविधा हो पाई है। 1599.16 करोड़ रूपए की योजनाएं शुरु करने के बाद भी जिले में पानी की समस्या कम नहीं हुई है। जिले के 790 गांव आज भी पानी को मोहताज हैं। जबकि जिले में 319 करोड़ धसान नदी परियोजना, 250 करोड़ बकस्वाहा-बिजावर में बहु ग्राम ग्रामीण जल आपूर्ति योजना में खर्च किए जा चुके हैं।
गांवों में जल पहुंचाने के लिए जल निगम की एमबीएस इकाई में नौ योजनाओं से 1078 गांव को लाभ पहुंचाने की प्रावधान है।वर्तमान में 236 गांवाें में पेयजल सप्लाई हो रहा है। जिसमें छह योजनाएं छतरपुर पीयूआइ, दो सागर व एक दमोह पीयूआइ संचलित कर रहा है। निगम का दावा है कि उन्होंने बड़ामलहरा के 119 व बकस्वाहा के 99 गांवों में सौ फीसदी पानी पहुंचा दिया है। वहीं अन्य क्षेत्रों के गांवों में जल आपूर्ति है। विभाग के द्वारा सात दिसंबर 2025 तक शेष गांवों में पानी की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन काम की रफ्तार धीमी होने से जून और अगस्त 2026 तक प्रोजेक्ट की तारीख बढ़ गई है।
मध्यप्रदेश में जल मिशन की बात करें तो मध्यप्रदेश सभी राज्यों में निचले स्तर पर है। यहां अभी चालीस प्रतिशत गांवों में नल जल योजना ठप पड़ी है। वहीं प्राकृतिक आपदा झेलने वाले राज्य उत्तराखंड में सौ फीसदी गांवों में पानी पहुंचा है। मध्यप्रदेश औसत प्रतिशत से तीस प्रतिशत पीछे है। वर्तमान जल मिशन योजना प्रदेश में केवल 60 प्रतिशत गांव ही योजना का लाभ उठा रहे।
इस वर्ष जल निगम महाप्रबंधक इंजी. एलएल तिवारी द्वारा दावा किया गया था कि नौ योजनाओं के माध्यम से हम हजार से अधिक गांवों तक पानी की पूर्ति का प्रावधान लेकर चल रहे हैं। शेष गांवों में योजानाओं का क्रियान्वन सात दिसंबर को शुरु हो जाएगी। हम श्रेणी सूची में बेहतर इसलिए नहीं है कि कई जिलों में योजना दस से बारह वर्ष पहले शुरु हो गईं थी। छतरपुर में सितंबर 2023 को स्वीकृति मिलने के बाद हम लोगों ने कार्य शुरु किया। जल्द ही हम पहले स्थान पर होंगेललेकिन विभाग की रफ्तार इतनी धीमी है कि जिले के 700 से अधिक गांवों को कुछ वर्ष और इंतजार करना होगा।
319 करोड़ की लागत से धसान नदी के तरपेड बांध पर हर घर नल से जल योजना का निर्माण हो रहा है। इस परियोजना के तहत 143 गांवों के 44900 परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य था। इस कार्य का निर्माण गुजरात की एलसीसी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। लेकिन अब तक इंटकवेल, फिल्टर प्लांट और टंकी निर्माण का काम आधे अधूरे पड़ा हुआ है। पाइपलाइन बिछाने में भी कोई खास प्रगति नहीं हो पाई है
बकस्वाहा और बिजावर के 120 गांव पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। जबकि बहु ग्राम ग्रामीण जल आपूर्ति योजना में 250 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। वहीं योजना महज 12 गांव तक सिमटकर रह गई है। जानकारी के मुताबिक एल एंड टी कंपनी को पाइप लाइन का ठेका दिया गया था जिसमें बकस्वाहा-बिजावर के 120 गांव में पाइप लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन महज 12 गांव तक पाइप लाइन की सुविधा पहुंच पाई।इन गांवों में 15640 मीटर में ही लाइन बिछ पाई।
राजनगर विकासखंड में 273.92 करोड़, नौगांव में 195.99 करोड़, लवकुशनगर और गौरिहार में 560.25 करोड़ तथा छतरपुर विकासखंड में 319 करोड़ की लागत से जल आपूर्ति योजनाओं का निर्माण चल रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य इस साल के अंत तक जिले के हर ग्रामीण इलाके में घर-घर पानी पहुंचाना था। लेकिन इन योजनाओं की स्थिति में कोई भी उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।
फैक्ट फाइल...
एक नजर में योजनाओं की स्थिति
विकासखंड राशि लक्ष्य स्थिति (अभी तक)
राजनगर(कुटने बांध) 273.92 131 गांव 568 किमी पाइपलाइन
नौगांव 195.99 118 गांव 506 किमी पाइपलाइन
गौरिहार 560.25 278 गांव 977 किमी पाइपलाइन
छतरपुर 319 143 गांव 296 किमी पाइपलाइन
बकस्वाहा-बिजावर 250 120 गांव 1564 किमी पाइपलाइन
परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। 2026 के मध्य तक जिले में पूरी तरह से जल आपूर्ति की जाएगी। नल जल प्रोजेक्ट पर लगातार काम हो रहा है। काम की रफ्तार बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हमारे यहां अन्य जिलों की तुलना काफी बाद में योजनाएं स्वीकृत की गई, इसलिए फिलहाल पीछे हैं।
एलएल तिवारी, महाप्रबंधक, जल निगम