गर्मी बढ़ते ही जलस्त्रोत दम तोडऩे लगे। एक तरफ जलस्त्रोतों से पानी आना बंद हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बढ़ती गर्मी के कारण दोपहर के वक्त लोगों के कंठ सूखते हैं। इन हालातों में सार्वजनिक स्थानों पर लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।
धीरे-धीरे तापमान बढऩे लगा है। गर्मी बढ़ते ही जलस्त्रोत दम तोडऩे लगे। एक तरफ जलस्त्रोतों से पानी आना बंद हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बढ़ती गर्मी के कारण दोपहर के वक्त लोगों के कंठ सूखते हैं। इन हालातों में सार्वजनिक स्थानों पर लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। शहर के तहसील कार्यालय, नगर पालिका कार्यालय जैसे सार्वजनिक स्थान जहां प्रतिदिन हजारों लोग पहुंचते हैं यहां लोगों के पीने के लिए पानी मौजूद नहीं है। तो वहीं दूसरी तरफ राज्य स्तरीय बस स्टैंड पर प्रतिदिन मौजूद रहने वाले सैकड़ों मुसाफिरों को भी खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है।
छतरपुर के जवाहर रोड पर स्थित तहसील कार्यालय और एसडीएम कार्यालय कैम्पस में प्रतिदिन हजारों पक्षकार अपने सरकारी कामों के लिए पहुंचते हैं। यहां लगभग 100 से ज्यादा वकील भी बैठते हैं। इतनी बड़ी आबादी के लिए सार्वजनिक पेयजल सप्लाई का कोई इंतजाम नहीं है। कैम्पस में एक हैण्डपंप लगा है जो कि लाल पानी छोड़ रहा है। यहां काम करने वाले वकील उपकरण पटेल ने बताया कि पक्षकारों और वकीलों को दिन भर पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है या दूर से पानी लाना पड़ता है। नगर पालिका कोई ध्यान नहीं दे रही है।
शहर का श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतरराज्जीय बस स्टैंड जहां प्रतिदिन 300 से ज्यादा बसों का आवागमन होता है, यहां भी नि:शुल्क पेयजल का कोई इंतजाम नहीं है। नगर पालिका द्वारा लगाई गई टंकी खाली और टूटी पड़ी है। पांच रूपए में साफ पानी देने वाला वॉटर एटीएम भी वर्षों से बंद पड़ा है। मुसाफिरों और बस स्टेण्ड पर काम करने वाले लोगों को खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है।