बुन्देलखण्ड की विरासत को देखने यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को अब निराश नहीं होना पड़ेगा। संग्रहालय का सबसे बड़ा आकर्षण शस्त्र दीर्घा दो साल बाद फिर से शुरू हो गई है, जहां 100 से 200 साल पुराने शस्त्र संभालकर रखे गए हैं जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं।
छतरपुर. छतरपुर-नौगांव रोड पर मऊसहानियां के समीप स्थित राज्य स्तरीय संग्रहालय धुबेला का सबसे बड़े आकर्षण शस्त्र दीर्घा फिर से शुरू हो गई है। बुन्देलखण्ड की विरासत को देखने यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को अब निराश नहीं होना पड़ेगा। संग्रहालय का सबसे बड़ा आकर्षण शस्त्र दीर्घा दो साल बाद फिर से शुरू हो गई है, जहां 100 से 200 साल पुराने शस्त्र संभालकर रखे गए हैं जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं।
जानकारी के मुताबिक अप्रेल-मई 2021 में राज्य स्तरीय संग्रहालय धुबेला की शस्त्र दीर्घा में फॉल सीलिंग गिर गई थी। इसके गिरने के कारण जिन अलमारियों में शस्त्र रखे गए हैं वे अलमारियां भी क्षतिग्रस्त हुई थीं। वहीं कुछ अलमारियों में दीमक लग जाने के कारण शस्त्र भी दीमक की चपेट में आ रहे थे। कुछ दिनों पहले यहां रसायनिक छिडक़ाव कराया गया लेकिन इससे भी समस्या का समाधान नहीं हो सका बल्कि समस्या और बढ़ गई। तब दीर्घा बंद कर दी गई। इस दीर्घा में पिस्तौल, बंदूकें, भाला, तलवार, कटार जैसे अस्त्र और शस्त्र रखे गए हैं जो कि 100 से 200 वर्ष पुरानी धरोहर हैं। इन शस्त्रों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। क्योंकि इनकी डिजाइन लोगों को आकर्षित करती है।
उल्लेखनीय है कि बारिश व ठंडियों में धुबेला म्यूजियम में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। पर्यटन नगरी खजुराहो, पन्ना नेशनल पार्क और ओरछा आने वाले सैलानी भी रास्ते में मौजूद इस संग्रहालय को देखने के लिए रूकते हैं तो वहीं घरेलू पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। इधर शस्त्र दीर्घा खुलने से अब पर्यटकों को निराश नहीं लौटना पड़ेगा।
शस्त्र दीर्घा शुरू हो गई है। कुछ समय के लिए परेशानी थी, समस्या का समाधान कर लिया गया है। अब पर्यटक हमारी विरासत देख सक ते हैं।
सुल्तान सिंह, क्यूरेटर, धुबेला म्यूजियम