छतरपुर

जलसंरक्षण योजना सवालों के घेरे में, 15-15 लाख की लागत से बनाए 84 चेक डेम, पानी रोकने में विफल

लवकुशनगर जनपद की 65 में से 38 ग्राम पंचायतों में बीते पांच वर्षों के भीतर कुल 84 स्टॉप डेम बनाए गए हैं। इनमें से कई डेम जैसे कि दोनी, गिलौहा, खपटया, सूरजपुर, मिडका और हरद्वार पंचायत के निर्माण के कुछ समय बाद ही अनुपयोगी हो गए।

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Aug 02, 2025
टूटा पड़ा चेकडेम का स्ट्रक्चर

जल संरक्षण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए चेक डैम अब गंभीर सवालों के घेरे में हैं। ग्राम पंचायत पुरवा बम्होरी के अंतर्गत दशरथ पुरवा गांव में वर्ष 2020-21 में 14.99 लाख रुपए की लागत से एक चेक डेम का निर्माण कराया गया था, लेकिन यह डेम निर्माण के कुछ ही महीनों में क्षतिग्रस्त हो गया। वर्तमान में डेम की स्थिति यह है कि लगातार अच्छी वर्षा होने के बावजूद उसमें जल संचयन नहीं हो पाया।

निर्माण के कुछ महीनों में ही क्षतिग्रस्त हो गया स्ट्रक्चर

स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी के अनुसार चेक डैम निर्माण कार्य तत्कालीन सरपंच हीरा देवी अहिरवार के कार्यकाल में कराया गया था। तकनीकी निरीक्षण के अभाव और निर्माण की गुणवत्ता में लापरवाही के चलते डेम की विंगवॉल कुछ ही महीनों में टूट गई और संरचना में दरारें पड़ गईं। इस कारण डेम में जल संचयन संभव नहीं हो सका।

जनपद में बने 84 स्टॉप डैम, अधिकांश बेअसर

लवकुशनगर जनपद की 65 में से 38 ग्राम पंचायतों में बीते पांच वर्षों के भीतर कुल 84 स्टॉप डेम बनाए गए हैं। इनमें से कई डेम जैसे कि दोनी, गिलौहा, खपटया, सूरजपुर, मिडका और हरद्वार पंचायत के निर्माण के कुछ समय बाद ही अनुपयोगी हो गए। इन संरचनाओं में जल नहीं रुकने का कारण खराब स्थल चयन, घटिया निर्माण सामग्री और तकनीकी निगरानी की कमी बताया गया है।

हरद्वार पंचायत में भी स्थिति समान

हरद्वार ग्राम पंचायत में लवकुशनगर-महोबा मार्ग पर स्थित चेक डेम पर भी 14.99 लाख रुपए की राशि खर्च की गई थी। लेकिन वर्तमान में वह भी पूरी तरह खाली है और वर्षा जल बिना रुके बह जाता है। यह मामला भी गलत स्थल चयन और कमजोर संरचना के कारण सामने आया है।

इनका कहना है

पूर्व में भी संबंधित चेक डेम की जांच कराई गई थी। अब प्राप्त नई सूचनाओं के आधार पर पुन: तकनीकी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बीके रिछारिया, सहायक यंत्री

Published on:
02 Aug 2025 10:42 am
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