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20 साल की सजा मिलने के दूसरे दिन जेल की छत से कूदकर पास्कों के आरोपी ने की आत्महत्या

24 दिसंबर को जिला न्यायालय ने बलात्कार व पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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कैदी की जांच कर मृत घोषित करते डॉक्टर

छतरपुर जिला जेल में पॉक्सो एक्ट के तहत 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाए जाने के दूसरे दिन 22 वर्षीय कैदी शंकर प्रजापति ने जेल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक शंकर प्रजापति पिता ननुआ ग्राम उर्दमऊ थाना गढ़ीमलहरा का निवासी था। घटना गुरुवार दोपहर लगभग साढ़े 3 बजे हुई।

शव पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी में रखवाया गया

जेल प्रशासन ने तुरंत कैदी को गंभीर हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर रोशन िद्ववेदी ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी में रखवाया गया है।ऐसे हुई घटनासूत्रों के अनुसार, गुरुवार को शंकर प्रजापति जेल की बैरक से निकलकर पीछे की ओर स्थित हिस्से से छत पर पहुंचा और महिला सेल की ओर बनी गैलरी के सामने से नीचे छलांग लगा दी। उसे तुरंत जेल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। घटना के समय कैदी मानसिक रूप से तनाव में था, क्योंकि उसे बीते दिन 24 दिसंबर को जिला न्यायालय ने बलात्कार व पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

2022 का है मामला

वर्ष 2022 में आरोपी शंकर प्रजापति पर गांव की 12 वर्षीय नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने और दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने नाबालिग को सुरक्षित बरामद किया और आरोपी को गिरफ्तार कर जिला जेल में बंद किया। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई।

एक और आरोपी भी जेल में

सूत्रों ने बताया कि जिस नाबालिग लड़की के साथ यह मामला था, वह अब तक दो अलग-अलग प्रकरणों में भागकर शादी कर चुकी है। पहली बार शंकर प्रजापति के साथ और दूसरी बार गांव के ही राहुल यादव के साथ। दोनों मामलों में आरोपी अलग-अलग सत्र अदालतों में पास्को एक्ट के तहत जेल भेजे गए थे। नाबालिग लड़की ने शंकर प्रजापति के साथ रहते हुए एक बच्ची को जन्म दिया और राहुल यादव के साथ रहने पर दूसरा बच्चा हुआ। वर्तमान में लड़की की उम्र लगभग 15 वर्ष है।

दूसरा आरोपी हाल ही में जेल गया

नाबालिग के पिता की शिकायत पर दूसरे आरोपी राहुल यादव के खिलाफ 2 दिसंबर 2025 को थाना गढ़ीमलहरा में एफआइआर दर्ज की गई थी। नाबालिग के दस्तयाब होने के बाद 7 दिसंबर को उसे जेल भेजा गया।

बुधवार को हुई सजा

जिला न्यायालय में एडवोकेट जेके आशु ने बताया कि न्यायालय कविता वर्मा की अदालत द्वारा 24 दिसंबर 2025 को धारा 363, 366, 376(2)(एन), 376(3), 323, 506 पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को बुधवार को ही जेल में पुनः दाखिल किया गया था।

प्रशासन ने गठित की जांच समिति

घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी जेल पहुंचे। छतरपुर के अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेव ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो जेल में सुरक्षा व्यवस्था, निगरानी और घटना के कारणों की विस्तृत समीक्षा करेगी।

प्रशासन की लापरवाही से मिला मौका

इस घटना ने जेल की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आजीवन सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद कैदी की मानसिक स्थिति और सुरक्षा पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया।

दस दिन से सुर्खियों में जेल व्यवस्था

जिला जेल अब विवादों के केंद्र में है, जहां प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। 20 वर्षीय कैदी को पॉस्को एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के 24 घंटे बाद उसने जेल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि इतनी कड़ी निगरानी वाले परिसर में कैदी कैसे छत पर चढ़ सका।सुरक्षा की कमी का एक और प्रमाण इसी सप्ताह सामने आया, जब एक कैदी ने दूसरे पर पत्थर से हमला कर दिया। घायल कैदी को ग्वालियर रेफर करना पड़ा। जेल कैंटीन से बीडी बंडल और गुटखा 250 रुपए में बेचने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से जेल के अंदरखाने में चल रही भर्राशाही का खुलासा हुआ है।