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खजुराहो फूड पॉइजनिंग कांड: एफएसएल रिपोर्ट में मोनोक्रोटोफॉस की पुष्टि

रिपोर्ट में आटे में अत्यंत जहरीले कीटनाशक मोनोक्रोटोफॉस की पुष्टि हुई है। इसी आटे से बनी रोटियां खाने के बाद कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ी थी, जिसमें अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

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खजुराहो फूड पॉइजनिंग कांड

खजुराहो के प्रसिद्ध गौतमा रिसोर्ट में हुए फूड पॉइजनिंग कांड को लेकर 16 दिन बाद सामने आई फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट ने कई अहम खुलासे किए हैं। रिपोर्ट में आटे में अत्यंत जहरीले कीटनाशक मोनोक्रोटोफॉस की पुष्टि हुई है। इसी आटे से बनी रोटियां खाने के बाद कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ी थी, जिसमें अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

पुलिस ने एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर इसे एक हादसा बताते हुए होटल प्रबंधन की लापरवाही को कारण माना है। हालांकि, गंभीर जानमाल के नुकसान के बावजूद अब तक न तो धाराएं बढ़ाई गई हैं और न ही किसी ज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इससे पुलिस की कार्रवाई और जांच की दिशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

आटे में कैसे पहुंचा जहरीला कीटनाशक?

पुलिस के अनुसार रिसोर्ट के स्टोर रूम में आटे की बोरियों के पास ही कीटनाशक का डिब्बा रखा था। आशंका जताई जा रही है कि उसी डिब्बे से कीटनाशक रिसकर आटे में मिल गया, जिससे भोजन जहरीला हो गया। स्टोर रूम में दो बोरियों में करीब 50 किलो आटा रखा था। 8 दिसंबर को दूसरी बोरी के आटे का उपयोग किया गया, उसी दिन कर्मचारियों ने भोजन किया और कुछ ही समय बाद 11 लोगों की हालत बिगड़ गई।बीमार कर्मचारियों को पहले छतरपुर और फिर गंभीर स्थिति को देखते हुए ग्वालियर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। शेष की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि बाकी बचे आटे की भी जांच जारी है।

हादसे की थ्योरी पर संदेह

इस मामले को लेकर जानकारों ने पुलिस के निष्कर्षों पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मोनोक्रोटोफॉस की डिब्बी आमतौर पर छोटी होती है, ऐसे में केवल रिसाव से बड़ी मात्रा में आटे तक इसका पहुंचना संदिग्ध प्रतीत होता है। उनका मानना है कि घटना के अन्य संभावित कारणों की भी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए, ताकि सच्चाई पूरी तरह सामने आ सके।

प्रतिबंधित कीटनाशक, फिर भी कैसे पहुंचा होटल तक?

मोनोक्रोटोफॉस एक ऑर्गेनोफॉस्फेट वर्ग का कीटनाशक है, जो बेहद जहरीला माना जाता है। कृषि विभाग के अनुसार इसके निर्माण पर प्रतिबंध है और बाजार में केवल पुराना स्टॉक ही उपलब्ध है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि प्रतिबंधित कीटनाशक होटल परिसर तक कैसे पहुंचा और उसका सुरक्षित भंडारण क्यों नहीं किया गया।

एडीएम कोर्ट में केस

फूड पॉइजनिंग कांड के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी जांच की। जांच में होटल की खाद्य सामग्री को असुरक्षित पाया गया, वहीं किचन में गंदगी और लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन की पुष्टि हुई। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने होटल संचालक और मैनेजर के खिलाफ एडीएम कोर्ट में केस दर्ज कराया है।

पुलिस का पक्ष

खजुराहो एसडीओपी मनमोहन सिंह बघेल ने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट में आटे में कीटनाशक की पुष्टि हुई है और प्रथम दृष्टया मामला लापरवाही का प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि विवेचना जारी है और सभी तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

उठते सवाल, जवाब का इंतजार

पांच कर्मचारियों की मौत के बावजूद अब तक गंभीर धाराओं का न लगना, किसी आरोपी की गिरफ्तारी न होना और घटना को महज हादसा बताना, इन सबने इस पूरे मामले को और संदिग्ध बना दिया है। पीड़ित परिवारों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है और वे निष्पक्ष व गहन जांच की मांग कर रहे हैं। खजुराहो फूड पॉइजनिंग कांड अब केवल लापरवाही का मामला नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और जांच की पारदर्शिता पर भी एक बड़ा सवाल बन चुका है।