छिंदवाड़ा

Big news: उठ रहे सवाल, विश्वविद्यालय को क्यों दिया राजा शंकर शाह का नाम

पांच साल बाद भी विश्वविद्यालय का नहीं बना भवन

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छिंदवाड़ा. राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय अब भी शासन से उपेक्षित हो रहा है। विश्वविद्यालय के भवन के लिए बजट की आस टूट गई है। बीते दिनों वित्तमंत्री ने प्रदेश का बजट पेश किया। उम्मीद थी कि छिंदवाड़ा में स्थित विश्वविद्यालय पर धन की वर्षा होगी और भवन के लिए शासन बजट का प्रावधान करेगा, लेकिन ऐसा कुछ दिखा नहीं। ऐसे में विश्वविद्यालय की आगामी प्रक्रिया फिर से अधर में लटक गई है। सवाल यह है कि जब शासन को इस विश्वविद्यालय को उपेक्षित ही करना था तो फिर आदिवासियों के राजा शंकर शाह का नाम क्यों दिया गया। जबकि आवश्यकता बजट देने की है ताकि उच्च शिक्षा के क्षेत्र के विद्यार्थी अन्य शहर में न भटकें। इस संबंध में एनएसयूआई का कहना है कि जिले में काफी संख्या में आदिवासी मतदाता है। सरकार केवल इन्हें वोट बैंक की नजर से देखती है। यही वजह है कि उन्होंने विश्वविद्यालय का नाम आदिवासियों के राजा राजा शंकर शाह के नाम पर रखा। अगर उनकी नीयत अच्छी होती तो विश्वविद्यालय आज अपने भवन में संचालित हो रहा होता। उल्लेखनीय है कि आदिवासी विद्यार्थियों के हितों के लिए स्थापित छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय परीक्षा कराने एवं परिणाम देने तक ही सीमित रह गया है। स्थापना के पांच वर्ष बाद भी विश्वविद्यालय का भवन नहीं बना।

उत्तरपुस्तिकाओं को रखने की भी नहीं मिलती जगह
वर्तमान में विश्वविद्यालय पीजी कॉलेज के लाइब्रेरी भवन में संचालित हो रहा है। जगह प्रर्याप्त नहीं है। अधिकारी छोटे-छोटे कमरे में बैठते हैं। आलम यह है कि कई बार उत्तरपुस्तिकाओं को रखने की जगह नहीं बचती। बरामदे में रखी जाती है। चूहों के कुतरने का खतरा रहता है। खुद का भवन होता तो विश्वविद्यालय यह सभी व्यवस्थाएं बना लेता।

90 लाख रुपए हुए थे आवंटन
कुछ वर्ष पहले शासन ने विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 486.45 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति के एवज में महज 90 लाख रुपए आवंटित कर औपचारिकता पूरी की थी। जबकि जबलपुर में स्थापित धर्मशास्त्र विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 27 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।

अब तक यह प्रगति
विश्वविद्यालय के भवन के लिए ग्राम सारना में लगभग125 एकड़ भूमि का आवंटन एवं 486.45 करोड़ का बजट आवंटन भी किया गया था। विश्वविद्यालय के लिए 325 पदों की स्वीकृति भी शासन द्वारा दी जा चुकी है, लेकिन बजट न मिलने से भवन नहीं बन पा रहा है।

इनका कहना है…
जून माह में राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा विभाग मंत्री से मुलाकात कर यथास्थिति से अवगत कराया गया था। पूरी उम्मीद है कि जल्द ही विश्वविद्यालय भवन के लिए बजट मिलेगा।
डॉ. लीला भलावी, कुलगुरु, आरएसएस विवि, छिंदवाड़ा

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