तीसरा सत्र शुरू: स्कूल बस का संचालन दूरस्थ विद्यार्थियों के लिए बना सपना
दो साल पहले सीएम राइज स्कूल शुरू करते समय प्रशासन का दावा था कि सीएम राइज स्कूलों को शुरू करने के साथ ही दूर दराज से आने वाले बच्चों को निशुल्क बस सुविधा मिलेगी। तीसरा सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन स्कूल बसों की सुविधा दूर की कौड़ी ही बनी हुई है। गुरैया पंचायत के अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को सीएम राइज स्कूल का दर्जा देकर माना जा रहा था कि यह पूरे निगम क्षेत्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए सुविधाजनक साबित होगा, लेकिन शहर के केंद्र में सीएम राइज स्कूल बनाने की जगह शहर के एक कोने में सीएम राइज स्कूल बनाना खुद शिक्षा विभाग के गले की फांस बन रहा है। सीएम राइज स्कूल में अब एक मोहल्ले अथवा आसपास के वार्ड के पालक ही स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाना सुविधाजनक मान रहे हैं। अन्य स्थानों के पालकों के लिए उक्त स्कूल बिना स्कूल बस के काफी दूर ही है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने बस ऑपरेटरों को सीएम राइज स्कूल में बस अटैच करने के लिए 2 साल में 6 बार निविदा निकाली। पांच बार किसी भी बस ऑपरेटर ने रुचि नहीं ली, जबकि छठी बार एक बस ऑपरेटर अपनी शर्तों के साथ शामिल हुआ। हालांकि प्रतिस्पद्र्धा के नियम न पूरे होने के कारण वह निविदा भी असफल हो गई। इस दौरान जिला शिक्षा विभाग सहित जिला प्रशासन ने कई बार बस ऑपरेटरों की बैठक ली। उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। थक हार कर अब सीएम राइज स्कूल के लिए डिविजन स्तर पर बस संचालन के लिए जेडी जबलपुर को जिम्मेदारी दे दी गई। जिम्मेदारी दिए भी एक साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन निशुल्क बस का संचालन अभी भी सपना बना हुआ है।
गुरैया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के आसपास 12 एकड़ की भूमि होने के कारण भले ही सीएम राइज स्कूल का दर्जा मिल गया हो, लेकिन पहले तो मुख्य सडक़ से ही लगभग 2 किमी अंदर, संकरी एवं जर्जर मार्ग के कारण स्कूल पहुंच मार्ग दुर्गम है। उस पर शहर के ही आधा दर्जन से अधिक मोहल्ले लहगडुआ, सोनपुर, सारसवाड़ा, परतला, इमलीखेड़ा, सर्रा, कुसमेली, खापाभाट, खजरी, बोरिया, दूध डेयरी तक के रहवासियों के लिए गुरैया स्कूल तक पहुंचना आसान नहीं हैं।